नगरी। नप का सम्मेलन सोमवार को नप सभाकक्ष में हुआ। बैठक में प्रस्तावित 29 बिंदुओं में से मात्र 1 प्रस्ताव पर ही सहमति बन पाई। भाजपा एवं कांग्रेस दोनों दलों के पार्षदों ने अध्यक्ष की कार्यप्रणाली को गलत बताते हुए प्रस्तावों का विरोध किया। पार्षदों ने पूर्व बैठकों में स्वीकृत हुए प्रस्तावों के कार्य प्रारंभ नहीं करने की बात कहते हुए अध्यक्ष एवं सीएमओ पर उदासीनता एवं निष्क्रियता का आरोप लगाया।

नप का साधारण सम्मेलन सोमवार दोपहर 12 बजे सभाकक्ष में नप अध्यक्ष रविशंकर सोनी की अध्यक्षता में प्रारंभ हुआ। बैठक में 29 प्रस्तावों पर विचार किया जाना था। लेकिन भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के विरोध के कारण मात्र मुख्यमंत्री स्वच्छता अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण हेतु प्राप्त दरों की स्वीकृति का प्रस्ताव पारित हुआ।

भाजपा के 7 एवं कांग्रेस के 4 पार्षदों ने नप अध्यक्ष पर कुछ ही वार्डो में पेयजल के लिए ओपन पाइप लाइन डालकर बाकी वार्डों में मांग के बाद भी ध्यान नहीं देने का विरोध किया। पार्षदों ने वार्ड में प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्य नहीं करने का भी आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज कराया। बैठक में विभिन्ना वार्डों में सीसी रोड, नाला निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्यो के प्रस्तावों पर सहमति नहीं बन पाई। इस अवसर पर नप अध्यक्ष रविशंकर सोनी, सीएमओ गोविंद पोरवाल, उपाध्यक्ष प्रदीप पटेल, विधायक प्रतिनिधि रामप्रताप वाक्तरिया सहित समस्त पार्षदगण उपस्थित रहे।

विकास कार्यो को

प्राथमिकता नहीं

भाजपा पार्षद देवीलाल धाकड़, दिलीप वाक्तरिया, संजूबाला अटोलिया, प्रेमलता धाकड़, कैलाश बाई धाकड़, मंगला टेलर, कंचनबाई अटोलिया एवं कांग्रेसी पार्षद गायत्री अटोलिया, अंगूरबाला प्रजापत ने कहा कि नप अध्यक्ष द्वारा नगर विकास कार्यों में भेदभाव किया जा रहा है। कुछ वार्डों में पानी के लिए ओपन पाइप लाइन डालकर आवश्यकता के बावजूद अन्य वार्डों में लाइन डालने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

प्रयास करेंगे

पार्षद अपने वार्डों में ओपन पाइप लाइन डालने की मांग पर अड़े रहे एवं सभी प्रस्तावों पर विरोध किया है। निकाय की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वर्तमान में सभी वार्डों में ओपन पाइप लाइन नहीं डाली जा सकती है। आर्थिक स्थिति ठीक होने पर प्राथमिकता के मान से वार्डो में पानी के लिए ओपन लाइन डाल दी जाएगी। बैठक में मात्र एक ही प्रस्ताव पारित हो सका है। आगामी बैठक में जनहित के प्रस्ताव रखकर पारित करने के प्रयास किए जाएंगे।