मुंबई। टेलीविजन चैनल स्टार इंडिया और क्रिकेट कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू के बीच 22.5 करोड़ रुपए की कमेंट्री अनुबंध का विवाद अब आर्बीट्रेशन (मध्यस्थता अदालत) में पहुंच गया है। चैनल का आरोप है कि पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने तीन वर्षीय अनुबंधीय समझौते का उल्लंघन कर स्टार इंडिया के प्रतिद्वंद्वी चैनल को आईपीएल 2014 में सेवाएं दी।

बॉम्बे हाईकोर्ट जस्टिस आरडी धानुका ने स्टार इंडिया की आर्बीट्रेशन प्रक्रिया की याचिका को मंजूर कर मुंबई के एडवोकेट जाल आंध्याजुजिना को एकमात्र मध्यस्थ नियुक्त किया। स्टार इंडिया ने अनुबंध तोड़ने के कारण सिद्धू से अभी तक प्रदान की गई फीस और हर्जाने की मांग की है। इस मामले में आर्बीट्रेटर ने दोनों पार्टिज के साथ एक मीटिंग कर ली है और मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है।

मई 2013 में हुई तीन वर्षीय डील के तहत सिद्धू ने अन्य शर्तों के अलावा एक्सक्लूसिव ऑब्लिगेशन की शर्त स्वीकारी थी, जिसके तहत उन्हें इस समयावधि के दौरान सिर्फ स्टार इंडिया को अपनी सेवाएं देनी थी (अन्य किसी प्रसारणकर्ता को नहीं)। इस अनुबंध के तहत सिद्धू को पहले कैलेंडर वर्ष में 150 दिन कमेंट्री करनी थी और इसके बाद के दो वर्षों में कम से कम 180-180 दिन सेवाएं देनी थी। स्टार इंडिया ने सिद्धू को वार्षिक फीस एडवांस में देने की बात स्वीकारी थी और अनुबंध के छह महीनों के अंदर 8 करोड़ रुपए की एडवांस फीस प्रदान कर दी थी।

स्टार इंडिया का आरोप है कि समय पर एडवांस फीस चुकाए जाने के बावजूद सिद्धू ने अनुबंध की शर्तों को पूरा नहीं किया। उन्होंने पहले ‍वर्ष मात्र 41 दिन कमेंट्री की और प्रतिद्वंद्वी चैनल सोनी के लिए आईपीएल 2104 में कमेंट्री कर प्रमुख शर्त का उल्लंघन किया।

सूत्रों के अनुसार स्टार इंडिया ने स्टार स्पोर्ट्‍स के लिए सिद्धू को प्रमुख हिंदी कमेंटेटर के रूप में तैयार किया था। इसके लिए उन्होंने काफी समय और पैसा खर्च किया था।