11 माह बाद खुला अभिभाषक की हत्या का राज
भानपुरा। 11 माह से पुलिस का सिरदर्द बने हुए अभिभाषक कृष्णकुमार बोहरा के हत्याकांड का आखिरकार बुधवार को पर्दाफाश हुआ। पुलिस जहां हत्या के सारे एंगल की जांच कर चुकी थी और हत्यारा अभिभाषक का चालक ही निकला। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेशकर रिमांड पर लिया है। वहीं हत्या के समय मौजूद अभिभाषक की बेटी ने भी आरोपी को पहचान लिया है। हत्यारा पूरे समय अभिभाषक के परिवार के संपर्क में भी रहा। लेन-देन संबंधी विवाद का बदला लेने के लिए चालक ने श्री बोहरा की चाकू मारकर हत्या कर दी थी।
15 अक्टूबर 2014 को बस स्टैंड पर 10 वर्षीय बेटी मितांशी के साथ खड़े अभिभाषक कृष्णकुमार बोहरा की पेट में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। 11 माह लंबी चली जांच के बाद पुलिस ने हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया। टीआई प्रतीक राय ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने कैलाश उर्फ केरिया पिता वरदीचंद मेघवाल(30) निवासी फरिया तहसील भानपुरा को गिरफ्तार किया है। कैलाश पूर्व में स्व. बोहरा का वाहन चालक रहा था। इस मामले में अन्य लोगों के शामिल होने की आशंका भी जताई जा रही है। आरोपी को बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे पुलिस रिमांड पर सौंपा है।
धमकी भरा पत्र लिखते ही शिकंजा कस गया
हत्या के बाद से ही कैलाश शंका के घेरे में था। कई बार थाने लाकर पूछताछ की गई। अभी कुछ दिन पहले भी कैलाश को पूछताछ के लिए थाने लेकर आए थे। उसी समय स्व. कृष्णकुमार बोहरा के पिता जगदीशचंद्र बोहरा भी टीआई से मिलने पहुंचे और बेटे के हत्यारे को जल्द पकड़ने की मांग करते हुए सवाल-जवाब भी किए थे। इसके दो-तीन दिन बाद ही 10 सितंबर को जगदीशचंद्र बोहरा को पत्र मिला जिसमें पुलिस के पास जाने पर जान से मारने की धमकी दी गई। पत्र से ही कैलाश पर शक पुलिस के यकीन में बदल दिया। इसके बाद पुलिस ने अपने दांव पेंच के इस्तेमाल किए तो कैलाश ने सब कुछ उगल दिया।
डोडाचूरा के रुपयों के साथ बाइक का विवाद
कैलाश ने बताया कि कृष्णकुमार ब्याज से रुपए बांटने का काम करते थे। कई बार रुपयों का लेन-देन कैलाश के माध्यम से होता था। इसके अलावा डोडाचूरा के ठेके में पार्टनरशिप के लिए स्व. बोहरा ने कैलाश को 3.70 लाख रुपए भी दिए थे। इसको लेकर भी दोनों में विवाद चल रहा था। एक बार कैलाश के हाथों अभिभाषक की कार क्षतिग्रस्त होने पर कैलाश से बाइक छीन ली थी। इसका बदला लेने के लिए कैलाश ने कृष्णकुमार की चाकू मारकर हत्या कर दी। उल्लखेनीय है कि आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अभिभाषक संघ ने कई दिनों तक हड़ताल भी की थी।
बेटी ने भी कहा यही है हत्यारा
अभिभाषक के पिता जगदीशचंद्र बोहरा ने कहा कि मेरे पुत्र का हत्यारा कैलाश उर्फ केरिया ही है। जिसकी पुष्टि मृतक की 10 वर्षीय पुत्री मितांशी ने भी की है वह घटना की प्रत्यक्षदर्शी है। उससे कैलाश को पहचान लिया। पुलिस की माने तो कैलाश केरिया को जब भी पूछताछ के लिए थाने पर लाया गया तो कुछ भाजपा नेताओं ने इसे छोड़ने के लिए कहा। आरोपी की भाभी गायत्रीबाई भानपुरा जपं में जनपद सदस्य है। नेताओं के भानपुरा आगमन चुनाव के समय अखबारों में विज्ञापन लगाने, फ्लेक्स लगाने, स्वागत करने में हमेशा आगे रहता था कई नेताओं के साथ उसके फोटो देखे जा सकते हैं। हत्या की गुत्थी सुलझाने में टीआई श्री राय के अलावा एएसआई चिन्मय जोशी, आर दिलीप नागर, सुमित, कैलाश जोशी, मंसार खान, सुशील की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
मोबाइल की भी जांच होगी
थाना प्रभारी प्रतीक राय ने कहा कि पुलिस पर सरेराह हत्या का पर्दाफाश करने के लिए भारी दबाव था और चुनौती भी थी आरोपी से रिमांड पर पूछताछ करेंगे कि साथ में और कौन है। आरोपी के दोनों मोबाइल भी जब्त कर लिए है। आरोपी मात्र कक्षा 4 तक ही शिक्षित है




