हेडली ने उगले राज, पाक और हाफिज सईद को किया बेनकाब
मुंबई। मुंबई आतंकी हमलों के दोषी डेविड कोलमैन हेडली ने मुंबई की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी में सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उसने एक-एक कर राज खोलना शुरू किए तो पाकिस्तान, वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई, सेना सब बेनकाब हो गए। हेडली ने साफ कहा कि मुंबई आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए हाफिज सईद ने निर्देश दिए थे।
वकील महेश जेठमलानी के मुताबिक, हेडली ने बताया है कि उसने लश्कर के लिए जो भी काम किया, वो हाफिज सईद के कहने पर किया। हेडली उसके भाषणों से काफी प्रभावित था।
बकौल हेडली, महव्वुर राणा और मैं 5 साल तक क्लासमेट रहे। राणा ने ही मुझे भारत की वीजा प्राप्त करने में मदद की। हम दोनों की मुलाकात पंजाब प्रांत के सैन्य स्कूल में हुई थी। लश्कर सरगना साजिद मीर और मेजर इकबाल मेरा भारत का वीजा देखकर काफी खुश हुए थे। साजिद मीर मुझे वीजा प्राप्त करने के तरीके बताते रहते थे।
तीसरी कोशिश में हुआ था 26/11
हेडली के मुताबिक, मुंबई में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए तीन बार कोशिश की गई। तीसरी बार में 26/11 को कामायाबी मिली। पहली नाकाम कोशिश सितंबर 2008 में हुई थी लेकिन बोट समुद्र में एक चट्टान से टकराकर टूट गई। इसमें हथियार बर्बाद हो गए थे, लेकिन हमलावर बच गए थे। दूसरी कोशिश इसके एक महीने बाद अक्टूबर 2008 में हुई थी। इसमें भी वही हमलावर शामिल थे जो पहली बार हमला करने आए थे लेकिन यह हमला असफल रहा था।
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पहली बार ऐसा
वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम के मुताबिक, हेडली की गवाही सुबह 7 बजे से दोपहर 12.30 के बीच होगी।गवाही दो दिन चलेगी। देश में पहली बार किसी आतंकी की गवाही विदेश से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही है। हेडली को इस मामले में सरकारी गवाह बनाया गया है।
गवाही से पहले ही लिया पाक का नाम
इससे पहले हेडली ने गवाही देने से पहले रविवार को कबूला कि मुंबई पर 2008 में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का ही हाथ था।
हेडली के मुताबिक, 26/11 के हमले को हाफिज सईद के इशारे पर अंजाम दिया गया। इसके लिए पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मदद की और रेकी के लिए पैसे भी दिए। दिल्ली में उपराष्ट्रपति आवास, इंडिया गेट और सीबीआई कार्यालय तक की रेकी की गई थी। हेडली ने बताया कि आईएसआई के मेजर इकबाल और समीर अली उसके हैंडलर थे। लश्कर प्रमुख जकीउर रहमान लखवी का हैंडलर आईएसआई का ब्रिगेडियर रिवाज था। लखवी की गिरफ्तारी के बाद आईएसआई प्रमुख शुजा पाशा उससे मिलने भी गए थे।