इटारसी। रेल हादसे के तुरंत बाद भिरंगी के पास खड़ी कोयले से भरी मालगाड़ी का इंजन सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह से बाहर निकाल लाया। इटारसी के लोको पायलट सीएस शर्मा और सहायक लोको पायलट मिथलेश कुमार मालगाड़ी लेकर सिंगाजी पॉवर प्लांट के लिए निकले थे। भिरंगी स्टेशन पर घटना से चंद मिनट पहले सिग्नल न होने से यह ट्रेन रुक गई। कुछ मिनट पहले यहां से पैंसेजर रवाना हुई थी, इसके पहले एक अन्य मालगाड़ी भी आगे निकाली गई थी। मालगाड़ी को लाइन मिलता इससे पहले जनता एक्सप्रेस को सिग्नल दे दिया गया। यही गाड़ी चंद मिनट बाद पुल पर हादसे का शिकार हो गई।

बचाओ-बचाओ हादसा हो गया

सिग्नल के इतंजार में खड़े ड्राइवर को अचानक वॉकी-टॉकी पर आवाज आई कि कामायनी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई। भीषण हादसा हुआ है जल्दी मदद भेजो। ड्राइवर यह सुनते ही सकते में आ गए। उन्होंने तत्काल पूछा आप कौन से ड्राइवर-गार्ड हैं और कहां मदद भेजना है, जवाब आया भिरंगी के आगे पुल पर कामायनी के कोच माचना नदी में बह गए हैं। ड्राइवर ने भिरंगी कंट्रोल को सूचना दी लेकिन वहां आवाज नहीं पहुंची। इस दौरान पूरे मंडल में हादसे की खबर पहुंच गई थी।

मौके पर मची थी चीख-पुकार

हादसे के बाद रात करीब 12 बजे ड्राइवर को निर्देश मिले कि मालगाड़ी का इंजन लेकर घटनास्थल पर जाएं। वे लोग इंजन के साथ मौके पर पहुंचे तो वहां यात्रियों की चीख-पुकार मची थी। अंधेरे में कुछ नजर नहीं आ रहा था। यहां खड़े प्वाइंटसमैन और ड्राइवर ने अपने हाथों से पहले कामायनी एक्सप्रेस के उन डिब्बो को जोड़ा जो धीरे-धीरे पानी में धसक रहे थे। कामायनी के करीब 10 डिब्बों में सवार यात्रियों को सुरक्षित भिरंगी तक लाया गया। इसके बाद जनता एक्सप्रेस के 15 डिब्बे इसी जगह लाए गए। इन डिब्बों में मौजूद दो हजार से ज्यादा यात्री सुरक्षित बचा लिए गए। तैनात दल ने बताया कि यदि सुरक्षित डिब्बे जल्दी नहीं हटाए जाते तो पटरी धंसकने की वजह से एक के बाद एक सभी पानी में डूब जाते।