स्मृति को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहीं मधु किश्वर
सामाजिक कार्यकर्ता और मोदी समर्थक लेखिका मधु किश्वर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती हैं। डीयू के कुलपति दिनेश सिंह के समर्थन में खड़े होना उनकी रणनीति का हिस्सा है। दरअसल, मोदी सरकार में अचानक से स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री का ओहदा मिल गया, इससे मधु किश्वर नाराज थीं।
यूजीसी द्वारा स्नातक कोर्स को तीन वर्ष में तब्दील करने के फैसले को किश्वर सीधे तौर पर स्मृति ईरानी के इशारे पर लिया गया निर्णय बता रही हैं। यहां तक कि उन्होंने स्मृति ईरानी को वामपंथी पार्टियों का एजेंट तक बता दिया है। यह दूसरी बार है, जब उन्होंने स्मृति ईरानी पर जुबानी हमला किया है। इससे पहले मधु किश्वर ने उनकी शैक्षणिक योग्यता पर तीखी टिप्पणी की थी, जिस पर काफी दिन तक बवाल हुआ था।
यूजीसी ने रविवार को डीयू को चार वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत दाखिला लेने पर नतीजे भुगतने के लिए चेताया था। इसके बाद मधु किश्वर ने टवीट्स की झड़ी लगा दी थी। ट्विटर पर उनका पहला कमेंट था, लेफ्ट लॉबी भाजपा की एचआरडी मिनिस्टर से बहुत खुश है, क्योंकि वह उन्हीं का एजेंडा पूरा करने का काम कर रही हैं।
डीयू के कुलपति एजुकेशन सिस्टम को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मंत्री उन पर पानी फेर रही हैं। लगता है कि सीपीएम की नंदिता नारायण और करात ने एचआरडी मिनिस्टर के दफ्तर पर कब्जा कर लिया है। शनिवार और रविवार को डीयू कुलपति पर अवैध आदेश थोपे गए हैं।’ इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘अगर एचआरडी मिनिस्टर को वाकई लगता है कि डीयू सुधार में खामियां हैं तो वह एक निष्पक्ष रिव्यू कमेटी बैठा सकती थीं और एक प्रक्रिया के तहत उन्हें खत्म किया जाता।
इसके बाद किश्वर कुलपति दिनेश सिंह के समर्थन में खुलकर सामने आ गई और स्मृति ईरानी को घेरने का मौका तलाशने लगीं। इसी का नतीजा है कि मंगलवार को वह पूरे दिन डीयू परिसर में मौजूद रहीं और पल-पल की खबर मीडिया को देती रहीं। कुलपति दिनेश सिंह के बारे में ट्वीट किया कि देश में कई अयोग्य कुलपति हैं, पर नई एचआरडी मिनिस्टर ने सिर्फ डीयू के कुलपति को आड़े हाथों लिया, जोकि शिक्षा के मानदंड बदलने को लेकर सबसे ज्यादा गंभीर हैं। मंगलवार को डीयू परिसर में कुलपति दिनेश सिंह से मुलाकात करने पहुंची किश्वर ने कहा कि जिस तरह तीन वर्षीय पाठ्यक्रम को लाने की कवायद चल रही है, उसमें बड़ी भूमिका स्मृति ईरानी की है। जीवन अनुभव से चलता है लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्री के पास कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने अपने जीवन के अहम दस साल सास-बहू के सीरियल में बिता दिए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाला बहुत बड़ी व्यवस्था है, लेकिन यह नौसिखिया है। अगर यही चीज कानूनी प्रक्रिया से होती तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होती।
ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्री बनाए जाने से हैं नाराज
कुलपति के समर्थन में आना है रणनीति का हिस्सा मधु पूर्णिमा किश्वर सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ पत्रकार और मानुषी पत्रिका की संपादक हैं। अप्रैल 2013 में उन्हें एक ट्वीट में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की आशंका जताकर राजनीतिक हलचल मचा दी थी। इसके बाद जहां कांग्रेस ने उनसे इस जानकारी का स्त्रोत सार्वजनिक करने को कहा, वहीं मोदी समर्थकों ने इस आशंका को गंभीरता से लेने की जरूरत बताई। इसके बाद मधु किश्वर की गिनती मोदी की करीबियों में होने लगी।
कौन हैं मधु किश्वर
मधु पूर्णिमा किश्वर सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ पत्रकार और मानुषी पत्रिका की संपादक हैं। अप्रैल 2013 में उन्हें एक ट्वीट में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की आशंका जताकर राजनीतिक हलचल मचा दी थी। इसके बाद जहां कांग्रेस ने उनसे इस जानकारी का स्नोत सार्वजनिक करने को कहा, वहीं मोदी समर्थकों ने इस आशंका को गंभीरता से लेने की जरूरत बताई। इसके बाद मधु किश्वर की गिनती मोदी की करीबियों में होने लगी।




