कैलिफोर्निया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कैलिफोर्निया के सैप सेंटर में भारतीय-अमेरिकी मूल के लोगों को संबोधित किया। पेश हैं मोदी के भाषण की दस बड़ी बातें –

मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भगत सिंह को याद करते हुए किया। उन्होंने कहा, 28 सितंबर को भगत सिंह की जयंती है। मोदी ने भगत सिंह अमर रहे के नारे भी लगवाए।

ब्रेन-ड्रेन के विषय पर उन्होंने कहा, पहले चर्चा होती थी कि इस ब्रेन-ड्रेन को रोका जाए, लेकिन अब यही ब्रेन-ड्रेन, ब्रेन-गेन बन गया है। और मेरी नजर में यह ब्रेन-ड्रेन नहीं ब्रेन-डिपॉजिट है। यह डिपॉजिट हुआ ब्रेन मौके की तलाश में है। जिस दिन मौका मिलेगा, वह ब्याज समेत मां भारती के काम आएगा।

मोदी ने अपना भाषण खत्म होने के बाद दोबारा माइक पकड़ा और ऐलान किया कि 2 दिसंबर से एयर इंडिया की दिल्ली से सेन फ्रांसिस्को फ्लाइट शुरू की जाएगी।

मैं यहां 25 साल बाद आया हूं। बहुत बदलाव आया है। नए चेहरे हैं। हिंदुस्तान की वायब्रेंट छवि कैलिफोर्नियां में अनुभव कर रहा हूं। लोगों के चेहरों पर नई चमक है। कुछ कर गुजरने के सपने लोगों के आंखों में हैं।

कभी भारत दुनिया से जुड़ने के लिए पुरुषार्थ करता था। आज हालात बदले हैं और दुनिया भारत से जुड़ने को लालाइत हो रही है। एक नया विश्वास पैदा हुआ है। यही विश्वास हिंदुस्तान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।

जब मोदी ने कहा- आज 16 माह बाद मुझे आपका सर्टिफिकेट चाहिए। इस पर वहां मौजूद लोगों ने खड़े होकर मोदी के समर्थन में तालियां बजाईं।

मोदी आगे बोले, भारत में नेताओं पर आरोप बहुत जल्द लग जाते हैं। बेटे ने 2500 करोड़ बना लिए, बेटी ने 500 करोड़ कमाए, दामाद ने 100 करोड़ कमाए…ऐसे आरोपों से देश निराश हो गया था, भ्रष्टाचार के केस सुनकर कान पक गए थे, लेकिन मुझ पर एक भी आरोप नहीं है।

 

    1. ब्रिक्स (BRICS) देशों के बारे में कहा जा रहा है कि ये देश तेजी से आगे बढ़ेंगे। लेकिन पिछले कुछ समय से चर्चा चल रही थी कि ब्रिक्स में इंडिया का आई लुढ़क रहा है। आज मैं गर्व से कहता हूं आज ब्रिक्स में पूरे दमखम के साथ कोई खड़ा है तो आई खड़ा है। 15 माह के भीतर विकास की ऊंचाइयों को छूने के कारण आज ये विश्वास पैदा हुआ है कि ब्रिक्स की जो कल्पना की गई थी, भारत उसमें नई ताकत बनकर उबरा है।

 

    1. भारत उपनिषद की चर्चा करते-करते, उपग्रह की बात करने लगा है। भारत एक मात्र ऐसा देश है जिसको पहले प्रयास में मार्स मिशन में कामयाबी मिल गई। यह देश की संकल्पशक्ति की ताकत है। आज 170 प्रकार के छोटे-बड़े ऐसे विभाग है, जहां भारत सरकार ने स्पेस तकनीक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।

 

  1. दुनिया को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आतंकवाद और ग्लोबल वार्मिंग। यदि दुनिया की शक्तियां एक साथ हो जाएं तो इनसे निपटा जाना चाहिए। हमने यूएन पर दबाव बनाया है। वह अब तक आतंकवाद की परिभाषा तय नहीं कर पाया है। परिभाषा तय नहीं हो सकी तो उससे निपटने में कब जाएगा। मैंने दुनिया के सभी देशों को चिट्ठियां लिखी हैं। कहा है कि तय हो जाना चाहिए कौन आतंकी है, कौन नहीं। कौन मानवता के साथ है और कौन नहीं? आतंकवाद आतंकवाद होता है, गुड या बेड न हीं होता है।