सेना के पास केवल 15-20 दिन तक युद्ध लड़ने का बारूद
नई दिल्ली। कैग की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना के पास केवल 15-20 दिन तक युद्ध लड़ने का ही गोला बारूद है। गोला-बारूद में यह कमी सेना की तैयारियों पर बुरा असर डाल सकती है। थलसेना को युद्ध के हालात में 40 दिनों तक की सैन्य सामग्री सुरक्षित होनी चाहिए। इससे पहले मार्च 2013 में कैग ने कहा था कि 170 में से 125 अलग-अलग प्रकार के गोला बारूद 20 दिन के युद्ध के लिए भी पर्याप्त नहीं है।
इस प्रकार के गोला बारूद में से 50 फीसदी तो केवल 10 दिन के युद्ध के लिए ही पर्याप्त थे।
कैग ने साथ ही 30 साल से बन रहे स्वदेशी जेट लड़ाकू विमान तेजस पर भी सवाल उठाए। तेजस के बारे में बताया गया है कि इसमें बमुश्किल 35 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक है और यह 50 फीसदी तकनीकी जरूरतों को पूरा नहीं करता। तेजस इंजन, मल्टी मोड रडार और कई आवश्यक कलपुर्जो के लिए विदेश पर निर्भर है। इसके चलते लड़ाई में इसकी उपयोगिता में सवालिया निशान लग जाता है। इन कमियों के चलते सेना की ऑपरेशनल तैयारियों और ट्रेनिंग पर बुरा असर पड़ता है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 40 दिन के गोला-बारूद की सीमा तक 2019 तक पहुंचा जा सकता है लेकिन मौजूदा हालात में तो यह भी संभव नहीं लगता। रक्षा मंत्रालय और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाते हुए कैग ने कहाकि सेना के पास पर्याप्त गोला बारूद होना रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी है, जबकि ओएफबी इसका स्त्रोत है।




