इंदौर की सांसद सुमित्राताई महाजन को तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ससम्मान अध्यक्ष की आसंदी पर बैठाया। वहां बैठे प्रदेश के ही वरिष्ठ सांसद एवं सामयिक अध्यक्ष कमलनाथ ने ‘ताई’ के लिए कुर्सी खाली की और धीरे से बुदबुदाए, ‘मध्यप्रदेश का अब काफी भला होगा।’ 
इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी थे, सत्ता पक्ष की प्रथम पंक्ति में बैठीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय मंत्री द्वय नजमा हेपतुल्ला व थावरचंद गेहलात। थोड़े पीछे बैठे थे मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष एवं केंद्रीय खनन एवं लोह अयस्क मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर। लोकसभा अध्यक्ष का संवैधानिक और गरिमामय पद मध्यप्रदेश के खाते में पहली बार आया है और वह भी एक महिला के रूप में। आठ बार की सांसद सुमित्राताई ने इस बार का चुनाव 4 लाख 64 हजार के भारी मतों के अंतर से जीता था।
लोकसभा में सभी दलों के नेताओं ने सुमित्रा ताई की भूरि-भूरि प्रशंसा की और उनके लंबे अनुभव को संसद के संचालन में फायदेमंद बताया। यह भी संयोग है कि मध्यप्रदेश को केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई वर्षो बाद काफी अच्छा और महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व मिला है। प्रदेश से जुड़े पांच कैबिनेट मंत्री हैं। अपने निर्विरोध निर्वाचन पर सांसदों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सुमित्रा महाजन ने अहिल्याबाई को याद किया, यह कहकर कि ‘लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर हमेशा से ही उनकी प्रेरणास्रोत एवं आदर्श रही हैं।’ सुमित्रा महाजन के ही प्रयत्नों से अहिल्याबाई की छोटी प्रतिमा कुछ वर्षो पूर्व लोकसभा प्रांगण में स्थापित की गई थी। ‘ताई’ के धन्यवाद ज्ञापन के ठीक पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘महाजन’ के पदचिन्हों पर चलना हमारे लिए गौरव का विषय होगा।