नई दिल्ली।स्वतंत्रता सैनानी सुभाषचंद्र बोस को लेकर एक और खुलासा हुआ है। ब्रिटेन की एक वेबसाइट पर जारी दस्तावेजों के मुताबिक, तेपेई में हवाई दुर्घटना के बाद बोस एक सैन्य अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। 18 अगस्त 1945 को उन्होंने अपनी मृत्यु से ठीक पहले डॉक्टरों से कहा, ‘मुझे ऐसा महसूस हो रहा है मानो रक्त मेरे सिर की ओर दौड़ रहा है। मैं थोड़ी देर सोना चाहता हूं।’वेबसाइट www.bosefiles.info ने नेताजी की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश करते हुए दावा किया है कि ये शब्द नेताजी के आखिरी शब्द बताए गए हैं। जिन लोगों के बयानों का वेबसाइट ने उल्लेख किया है उनमें नेताजी को दो नजदीकी, दो जापानी डॉक्टर, एक दुभाषिया और ताइवानी नर्स है।सितंबर 1945 में भारत से गए खुफिया विभाग के दो दलों ने बैंकॉक, साइगों और ताइपे जाकर नेताजी की मौत के मामले की जांच की थी। इस दौरान जांच दल ने जापान दक्षिणी कमान के प्रमुख द्वारा भेजी गई टेलीग्र्राम की कॉपी भी हासिल की, जिसके अनुसार नेताजी की मौत हुई थी।सन 1946 में मई और जुलाई के मध्य ब्रिटिश सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल जेजी फिगेस ने जापान के छह अधिकारियों से नेताजी की मौत के सिलसिले में पूछताछ की। इनमें जापानी डॉक्टर तोयोशी सुरुता भी शामिल थे।डॉ. सुरुता उस नेमन सैन्य अस्पताल में तैनात थे, जहां पर दुर्घटना के बाद नेताजीको लेकर आया गया था। उन्होंने भी देर शाम नेताजी की मौत होने की बात कही। उसी अस्पताल की नर्स सान पी शा ने मुंबई के फ्री प्रेस जर्नल के पत्रकार हरीन शाह की पूछताछ में नेताजी की मौत की पुष्टि की।