सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय शुक्रवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सहारा मुखिया के वकील राम जेठमलानी ने इस बात की जानकारी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत से इन्कार कर दिया है। सहारा की तरफ से आज ही सुनवाई करने की मांग की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया। गौरतलब है कि आज सुबह ही सुब्रत रॉय सहारा ने कल अपने घर पर नहीं मिलने के लिए सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि मेरी छवि खराब करने की साजिश हो रही है। मैं कानून से भागने वाला शख्स नहीं हूं। मैं बृहस्पतिवार की शाम लखनऊ में नहीं था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की तामील के लिए लखनऊ पुलिस की एक टीम गोमतीनगर स्थित सहारा शहर पहुंची थी। वहां करीब ढाई घंटे की तलाशी के बाद जब वह नहीं मिले तो पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। इस बीच, सहारा प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर गैर जमानती वारंट वापस लेने की गुहार लगाई। निवेशकों का धन नहीं लौटाने के मामले में शीर्ष अदालत ने उन्हें गिरफ्तार कर चार मार्च तक पेश करने का आदेश दिया है।

सहारा शहर में काफी देर तक गहमागहमी रही। कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए एसएसपी प्रवीण कुमार के निर्देश पर गोमतीनगर थाने के इंस्पेक्टर अजीत सिंह चौहान अपरान्ह 3.45 बजे पुलिस बल के साथ सहारा शहर पहुंचे। इसकी जानकारी मिलते ही सहारा शहर के गेट पर मीडिया का जमावड़ा लग गया। करीब साढ़े छह बजे पुलिस सहारा शहर से लौट गई।

इंस्पेक्टर ने बताया कि सहारा शहर में सुब्रत राय की तलाश की गई। इस दौरान मां छवि राय, भाई जेबी राय व अन्य परिवारीजन को गैर जमानती वारंट की सूचना देकर उनसे सुब्रत राय के बारे में पूछताछ की गई, मगर उन्होंने कोई जानकारी होने से इन्कार कर दिया। तब पुलिस ने सहारा शहर के विभिन्न हिस्सों में उनकी तलाश की।

इस कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी की गई। एएसपी ट्रांसगोमती का कहना है कि अब पुलिस अन्य संभावित स्थानों पर सुब्रत राय की तलाश कर रही है। उन्हें हर हाल में चार मार्च को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में नई अर्जी दाखिल कर सुब्रत राय ने गैर जमानती वारंट वापस लेने का अदालत से अनुरोध किया। साथ ही, भरोसा दिलाया कि वह चार मार्च को कोर्ट में पेश होंगे। निवेशकों का पैसा वापस न किए जाने के मामले में आदेश के बावजूद अदालत में पेश न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर समूह की दो कंपनियों के तीन निदेशक कोर्ट में पेश हुए थे। मगर सहारा प्रमुख ने 92 वर्षीय मां की तबियत खराब होने के आधार पर निजी पेशी से छूट मांगी थी। कोर्ट ने पेशी से छूट वाली उनकी अर्जी ठुकरा दी थी।