सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की जमानत तो मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा, मेरे समर्थक नीतीश को सबक सिखाएंगे
सुप्रीम कोर्ट ने यह जमानत राजीव रोशन केस में रद्द की है, जबकि उसके दो भाइयों की हत्या के केस में सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन को नोटिस जारी किया है. राजीव अपने भाइयों की हत्या का मुख्य गवाह था.
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही बिहार सरकार को शहाबुद्दीन को तुरंत हिरासत में लेने के आदेश दिया है. कोर्ट ने निचली अदालत से शहाबुद्दीन की कथित संलिप्तता वाले राजीव रोशन हत्या मामले का जल्द निपटान करने को कहा है.
वहीं जमानत रद्द किए जाने पर शहाबुद्दीन ने कहा कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करते हुए समर्पण कर रहे हैं. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे समर्थन उन्हें (नीतीश कुमार) को सबक सिखाएंगे.’
बिहार में मारे गए तीन भाइयों के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू की तरफ से मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ याचिका दायर की थी. चंदाबाबू ने याचिका में कहा था कि शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने के बाद क्षेत्र में सनसनी और डर का माहौल बन गया है.इससे पहले याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि पटना हाईकोर्ट का जमानत देने का आदेश कानून का मजाक उड़ाना है, क्योंकि हत्या के केस में अभी तक गवाहों के बयान भी दर्ज नहीं हुए हैं. साथ ही हाईकोर्ट ने इस तथ्य को भी अनदेखा कर दिया कि शहाबुद्दीन पर 13 मई 2016 को सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या का भी आरोप है.
बिहार के सिवान से आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ हत्या, अपहरण और जबरन वसूली के 40 से अधिक मामले दर्ज हैं. उन्हें इस हत्याकांड में 7 सितंबर को जमानत मिली थी.हालांकि इस जमानत पर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपने गठबंधन साझेदार लालू प्रसाद यादव के दबाव में झुकने का आरोप लगाया था. तब बिहार सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की मांग की थी. हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की कई बार खिंचाई की थी और पूछा था कि ‘जब उन्हें जमानत मिली थी, तब क्या आप सो रहे थे?’
वहीं शहाबुद्दीन की जमानत का बचाव करते हुए उनके वकील ने कहा था कि शहाबुद्दीन जमानत पर बिहार से बाहर रहने को भी तैयार हैं. हालांकि कोर्ट ने उनका यह प्रस्ताव कर दिया.