सीबीआई की वन रक्षक घोटाले में नए नाम जोड़ने की तैयारी
भोपाल । व्यापमं के तहत वन रक्षक भर्ती घोटाले में एसटीएफ ने जिन लोगों की अनदेखी कर दी थी, सीबीआई ने उन्हें भी जांच के दायरे में लिया है। इस फर्जीवाड़े में प्रदेश के कुछ हाई प्रोफाइल लोगों के नाम चर्चा में आ चुके हैं। छानबीन के दौरान पूर्व जांच एजेंसी एसटीएफ ने 45-50 लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन संदिग्ध लोगों की सूची में 100 से ज्यादा लोग अभी बाकी हैं।
सीबीआई अब आरोपियों की सूची में कुछ नए नाम जोड़ने की तैयारी में है। सीबीआई ने व्यापमं के व्हिसिल ब्लोअर्स से भी वन रक्षक भर्ती परीक्षा 2012-13 के घोटाले की जानकारी ली थी। इसके अलावा छापामारी के बाद कुछ साक्ष्य जुटाए गए थे। ज्ञात हो कि वन रक्षक भर्ती मामले में एसटीएफ ने जांच के दौरान राज्यपाल रामनरेश यादव के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया था, जिसे बाद में हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
दूसरा सनसनीखेज एवं हाई प्रोफाइल मामला नितिन महेंद्रा की एक्सेल शीट में दर्ज ‘मैडम मिनिस्टर’ का सामने आया था, लेकिन इस मुद्दे पर छानबीन का कोई नतीजा सामने नहीं आ सका। शक के दायरे में डेढ़ सौ सीबीआई व्यापमं मामले की छानबीन शुरू करने के बाद दो बार छापामारी कर संदिग्ध लोगों के ठिकाने से दस्तावेज जब्त कर चुकी है।
इसमें वन रक्षक मामले के वे लोग भी शामिल हैं जिनकी शुरू में अनदेखी कर दी गई थी। मामला दर्ज होने के तुरंत बाद एसटीएफ ने करीब डेढ़ सौ लोगों को शक के दायरे में रखा था। इनमें से 45-50 के नाम आरोपियों की सूची में दर्ज किए गए हैं। चयनित लोगों के दस्तावेजों की छानबीन में भी कुछ लोगों को आरोपी बनाया गया था।
दस्तावेज नहीं पहुंचे
उधर व्यापमं मामले के व्हिसिल ब्लोअर पारस सकलेचा, अजय दुबे एवं प्रशांत पांडे का कहना है कि सीबीआई के दिल्ली स्थित मुख्यालय में घोटाले की जांच के संदर्भ में उन्होंने जो दस्तावेज सौंपे, वे अब तक भोपाल नहीं पहुंचे। पिछले साल जुलाई में और उसके बाद इस मामले में अलग-अलग समय पर शिकायतें की गईं थीं, लेकिन उनके बारे में जांच अफसरों ने अनभिज्ञता दिखाई।