सीएम योगी आदित्यनाथ तोड़ेंगे करीब 30 साल पुराना ‘मिथक’, आज नोएडा दौरे पर
25 दिसंबर को मेट्रो का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और एमिटी यूनिवर्सिटी में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. कार्यक्रमों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री आज नोएडा आ रहे हैं.
सीएम योगी का यह दौरा नोएडा से जुड़े उस अंधविश्वास को तोड़ने के तौर पर भी देखा जा रहा है जिसमें कहा जाता है कि नोएडा का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री जल्द ही अपनी कुर्सी गंवा देते हैं. सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को नोएडा नहीं जाने की सलाह भी दी थी, लेकिन योगी ने अधिकारियों की सलाह को किनारे करते हुए नोएडा आने का फैसला किया है. भाजपा प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा कि 25 दिसंबर को मेट्रो सेवा के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री मोदी के साथ उपस्थित रहेंगे. इस समारोह की तैयारियों का जायजा लेने वह 23 दिसंबर को नोएडा जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री जनता के हित में कार्य करने में भरोसा रखते हैं. वह अंधविश्वास में यकीन नहीं करते, जिसकी वजह से पूर्व के मुख्यमंत्री नोएडा जाने से बचते रहे हैं । नोएडा यात्रा के साथ ही योगी इस अंधविश्वास को तोड देंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां मेट्रो स्टेशन के अलावा जनसभा स्थल की तैयारियों का भी जायजा लेंगे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले योगी बागपत में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. जनसभा के बाद वे सीधे नोएडा आएंगे. यहां बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन का मुआयना करने के बाद कार द्वारा एमिटी यूनिवर्सिटी पहुंचेंगे. यहां जनसभा की तैयारियों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करेंगे. इसके बाद वे लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर यातायात में भी परिवर्तन किया गया है. बॉटेनिकल गार्डन बस अड्डे के सामने दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक यातायात बंद रहेंगे.
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क्रिसमस के दिन शुरू हो रही मैजेंटा लाइन मेट्रो बॉटेनिकल गार्डन से कालकाजी का सफर तय करेगी. इस लाइन पर मेट्रो का किराया भी कम रखा गया है. अभी तक अलग लाइनों से इस दूरी को तय करने में 50 रुपये लगते हैं, लेकिन इस लाइन से किराया मजह 30 रुपये लगेगा. इस रूट पर 9 स्टेशन बनाए गए हैं. वैसे तो कुल 25 स्टेशन इस लाइन पर हैं, लेकिन फिलहाल 9 स्टेशनों को खोला जा रहा है. इस मेट्रो से नोएडा और कालकाजी की दूरी 28 किलोमीटर से घटकर महज 12 किलोमीटर हो जाएगी.
क्या है मिथक
नोएडा के बारे में यह अंधविश्वास जुड़ा हुआ है कि जो मुख्यमंत्री यहां आता है, वह दोबारा इस पद पर नहीं चुना जाता. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल में कभी नोएडा नहीं आए. नोएडा की योजनाओं का शिलान्यास हो या फिर लोकार्पण, वे लखनऊ में बैठ कर ही किया करते थे. हालांकि नोएडा नहीं आने के बाद भी 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें करारी हार का समाना करना पड़ा था. बीएसपी सुप्रीमो मायावती के बारे में भी यही कहा जाता है कि वे अपने कार्यकाल में वे दो बार नोएडा आई थीं, जिस वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस अंधविश्वास को 1988 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह से जोड़ कर देखा जाता है. वे एक बार नोएडा आए थे, वापसी के बाद उन्हें तुरंत मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. उनके बाद कई और नेताओं के साथ ऐसा हुआ. इसलिए नोएडा के साथ यह अंधविश्वास जुड़ गया.