1984 के सिख दंगों में कांग्रेस की भूमिका से राहुल गांधी के इन्कार पर बीजेपी ने एक वीडियो ट्वीट कर उन्हें झूठा बताया है.

सिख दंगों पर क्या राहुल गांधी ने बदल दिया बयान? BJP  ने ये वीडियो ट्वीट कर कहा-बोल रहे झूठ

1984 के सिख दंगों में कांग्रेस की भूमिका से राहुल गांधी के इन्कार वाले बयान पर बीजेपी ने जवाबी हमला बोला है. बीजेपी ने एक वीडियो ट्वीट कर राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. इस वीडियो में राजीव गांधी का भी बयान दिखाया आरोप लगाया है कि वह सिख दंगों को न्यायोचित ठहराने की कोशिश कर रहे हैं.बीजेपी ने कहा है-अब राहुल गांधी चाहते हैं हम विश्वास कर लें कि सिखों को किसी ने नहीं मारा( No One Killed the Sikhs!).


बीजेपी की ओर से ट्वीट किए इस वीडियो में तीन अलग-अलग वीडियो को जोड़ा गया है.पहले पार्ट में राहुल गांधी का जनवरी 2014 में एक टीवी चैनल को दिया इंटरव्यू है, जिसमें 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस नेताओं की भूमिका के सवाल पर राहुल कहते हैं-शायद कुछ कांग्रेस नेता संलिप्त थे. फिर जब दोबारा इसी सवाल को दोहराया गया तो राहुल गांधी ने कहा कि इसके लिए कांग्रेस नेता दंडित भी किए जा चुके हैं.( बीजेपी के वीडियो में राहुल गांधी को मात्र इतनी बात कहते दिखाया गया).


हालांकि, उस इंटरव्यू में राहुल ने 2002 के गोधरा दंगे  और 1984 के सिख दंगों में अंतर भी बताया है। राहुल इंटरव्यू में कहते हैं कि 2002 के दंगे में वहां की सरकार शामिल थी, मगर 1984 के दंगे में सरकार दंगों को रोकने की कोशिश कर रही थी. बीजपी की ओर से ट्वीट किए वीडियो के आखिरी पार्ट में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का बयान दिखाया गया है, जिसमें वह कह रहे हैं कि जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है. बीजेपी का कहना है कि यह कहकर राजीव गांधी ने सिख दंगों को न्यायसंगत ठहराने की कोशिश की थी.

उन्होंने कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है. भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही है लेकिन जहां तक मैं मानता हूं उस समय कुछ भी गलत किया गया तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करता हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मन में उसके बारे में कोई भ्रम नहीं है. यह एक त्रासदी थी, यह एक दुखद अनुभव था. आप कहते हैं कि उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी, मैं इससे सहमति नहीं रखता. निश्चित तौर पर हिंसा हुई थी, निश्चित तौर पर वह त्रासदी थी.’’ गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या के बाद 1984 में हुए दंगों में करीब 3,000 सिख मारे गए थे. तब केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी.