उज्जैन में 2016 में होने वाले सिंहस्थ मेले को इलाहाबाद कुंभ की तर्ज पर अस्थाई जिले का दर्जा दिया जाए। इसके लिए एक साल पहले ही उज्जैन कलेक्टर के अधीन एक अतिरिक्त अस्थाई जिला कार्यालय बनाकर पूरा स्टाफ पदस्थ किया जाए। यह सुझाव मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा को उज्जैन संभागायुक्त रविंद्र पस्तोर ने दिया है। उन्होंने लिखा है कि इससे मेले का संचालन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।मुख्य सचिव ने उज्जैन कमिश्नर पस्तोर के पत्र को गंभीरता से लेते हुए इस सिस्टम का परीक्षण करने को कहा है। पस्तोर ने लिखा है कि इलाहाबाद में होने वाले कुंभ में भी अस्थाई जिला बनाकर मेले की व्यवस्था के लिए अधिकारी पदस्थ किए जाते हैं। इन अधिकारियों के पास सिर्फ मेला और यहां की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी होने से सारी व्यवस्थाएं बेहतर होती हैं। कमिश्नर उज्जैन ने अस्थाई जिले के लिए कलेक्टर छोड़कर एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार और मेला अधिकारी के अलग से पद मंजूर कर एक साल के लिए पूरा सेटअप मांगा है।उनका मानना है कि इस व्यवस्था से सिंहस्थ मेले के आयोजन को व्यवस्थित तरीके से करने की तैयारी पहले से करने में आसानी होगी। इस पूरी प्रक्रिया में जहां मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिलेंगी, वहीं उज्जैन के स्थानीय निवासी परेशानी से बच सकेंगे। जिले के अमले पर बेवजह का अतिरिक्त बोझ नहीं होगा।