रायपुर। कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा सात कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द किए जाने को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। पिछले चार महीने में चारों कोल ब्लॉक बंद होने से केंद्र और राज्य सरकार को अब तक आठ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का घाटा हो चुका है।

यह घाटा केवल सरकार को ही नहीं, बल्कि वहां रहने वाले दो हजार से ज्यादा परिवारों को भी हुआ है। ऐसे परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। साथ ही वहां काम करने वाली तमाम कंपनियां और कोल ब्लॉक से जु़ड़ी संस्थाएं भी आर्थिक संकट झेल रही हैं।

कोल ब्लॉक्स में खुदाई का काम साल के चार महीने ही चलता है। बरसात के बाद यहां काम बंद हो जाता है। पिछले चार महीने से ऐसे हालात होने से ही वित्तीय संकट उभरकर सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने कोल इंडिया को निर्देश दिए हैं कि जिंदल पावर लिमिटेड (जेपीएल) को उनका ब्लॉक बेचा जाए। कोल ब्लॉक्स में जेपीएल के दो ब्लॉक के अलावा बालको के दो, हिंडाल्को के दो और एक मोनेट को आवंटित हुआ था।

सभी कोल ब्लॉक की नीलामी हुई थी, जिसके बाद बिड के आधार पर कोल इंडिया लिमिटेड से इन्हें इसका नियमपूर्वक आवंटन हासिल हुआ। बाद में केंद्र में नई सरकार आने के बाद अचानक कोल ब्लॉक के सातों आवंटन को रद्द कर दिया गया। इसके आवंटन रद्द होने से पिछले चार महीनों में केंद्र और राज्य सरकार को आठ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व घाटा हो चुका है।

हजारों लोग आर्थिक संकट में फंसे

सातों कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द होने से रायगढ़ जिले के आसपास दो हजार से ज्यादा परिवारों को झटका लगा है। ये ऐसे परिवार हैं, जिनका इस कोल आवंटन से रोजी-रोटी जुड़ी हुई थी। हैरानी की बात यह है कि इस मसले पर भी सीआईएल ने ध्यान नहीं दिया।

कोल ब्लॉक से ट्रांसपोर्ट कंपनियां, मजूदरों के ठेकेदार,वहां काम करने वाले परिवार और इससे जुड़ी तमाम कंपनियों के कर्मचारियों को भी परेशानी हो रही है। बताया जाता है कि कई जगहों पर इस वजह से इंक्रीमेंट तक नहीं हुआ। आने वाले समय में अगर कोल ब्लॉक्स का आवंटन बहाल नहीं हुआ तो बड़ी परेशानी खड़ी होगी।

किसके कितने कोल ब्लॉक व राजस्व

बॉल्को

– बाल्को के दो कोल ब्लॉक है, जिनकी क्षमता 60 और 10 लाख है। इससे ही राज्य व सरकार को करीब सवा अरब रुपए का राजस्व हर महीने मिलता था।

हिंडाल्को

– हिंडाल्को ग्रुप के भी दो कोल ब्लॉक हैं, जिनकी क्षमता 10-10 लाख की है। इस कंपनी से भी केंद्र और राज्य सरकार को तकरीबन 58 करोड़ रुपए का राजस्व हर महीने प्राप्त होता था।

मोनेट

मोनेट ग्रुप का एक ही कोल ब्लॉक है, जिसकी क्षमता 12 लाख है। इस कंपनी से केंद्र व राज्य को एक अरब 27 करोड़ रुपए का राजस्व हर महीने मिलता था।

जेपीएल

जेपीएल ग्रुप के दो कोल ब्लॉक हैं। इनकी क्षमता तकरीबन साढ़े 62 लाख है। इनसे केंद्र और राज्य को करीब 18 करोड़ रुपए का हर महीने राजस्व मिलता था।