सरकार ने राफेल डील में घोटाले के आरोपों को बेबुनियाद बताया
नई दिल्ली : राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को सरकार ने बेबुनियाद बताया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि राफेल सौदे के मूल्य और ब्योरे को सार्वजनिक किए जाने की मांग की जा रही है जो मुमकिन नहीं है। गोपनीयता की शर्तों के मुताबिक, यूपीए सरकार ने भी कई रक्षा सौदौं का ब्योरा आम करने में असहमति जताई थी। संसद में पूछे गए सवालों पर भी यही रुख अपनाया था। सरकार के रक्षा विभाग ने कहा है कि सामान्य तौर पर इस मसले पर प्रतिक्रिया नहीं दी जानी चाहिए थी, लेकिन भ्रम फैलाने वाले बयानों से राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मसले को गंभीर नुकसान किया जा रहा है।
बता देंकि 36 राफेल विमानों के लिए 2016 में भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच समझौता हुआ था। ये विमान सप्लाई होने पर फौरी उड़ान भरने की स्थिति में होंगे। इस डील पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। सरकारी बयान के मुताबिक, ‘भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की जरूरतों के लिए 2002 में जो पहल की गई थी, वह केंद्र में पिछली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में पटरी से उतर गई। 2012 में जब मीडियम मल्टीरोल कॉम्बैट विमान की खरीद की स्थापित संस्थागत प्रक्रिया जारी थी, तब के रक्षा मंत्री ने अभूतपूर्व ढंग से पर्सनल वीटो का इस्तेमाल किया। यह सब तब हुआ, जब वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या में चिंताजनक कमी आ रही थी।’