सदी की फाइट पर विवाद
बॉक्सिंग में ‘सदी की फाइट’ में कहे जाने वाले मुकाबले में मेवेदर से हार के बाद फिलिपिंस के बॉक्सर मैनी पकयाऊ ने जजों के फैसले पर सवाल उठाए हैं। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेहद निराशा में दिख रहे पकयाऊ ने कहा, ”यह अच्छा मुकाबला था। मैंने कई बार उन्हें तगड़े पंच मारे। मुझे लगा कि मैंने मुकाबला जीत लिया है। वे हमेशा पीछे हट रहे थे।जीत का भरोसा होने के कारण ही मैंने आखिरी पलों पर ज्यादा हमले नहीं किए।” इस बीच मुकाबले के बाद मेवेदर को विजयी घोषित किए जाने के बाद पकयाऊ के प्रशंसकों ने निराशा जताई।फिलीपींस में लोग गुस्से में थे और मैच दोबारा कराने की मांग कर रहे हैं।
अमेरिका के फ्लॉयड मेवेदर ने भले ही ‘सदी का सबसे बड़ा मुकाबला’ जीतकर विश्व चैंपियन का अपना रुतबा कायम रखा है लेकिन मुकाबला बेहद करीबी थी। अंत तक दोनों फाइटरों को नहीं पता था कि कौन जीत रहा है। वेल्टरवेट (67 किग्रा) का यह मुकाबला बेहद करीबी रहा। इतना कि जब यह खत्म हुआ तो दोनों ही बॉक्सरों ने जीत की उम्मीद के साथ दर्शकों का अभिवादन किया। लेकिन जजों का फैसला मेवेदर के पक्ष में रहा। दो जजों ने उन्हें 116-112 से विजेता घोषित किया। तीसरे जज ने उनके पक्ष में 118-110 का स्कोर दिया। मेवेदर को इस जीत से हीरों से जड़ी छह करोड़ की बेल्ट इनाम में मिली। इसके अलावा 1142 करोड़ रुपए भी उनके खाते में गए। पकयाऊ को 761 करोड़ रुपए मिले। मेवेदर दुनिया के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले बॉक्सर हैं। उनकी संपत्ति करीब 27 अरब रुपए है।
विश्व खिताब के लिए हुए 12 राउंड के इस मुकाबले में शुरुआत में पकयाऊ भारी दिखे। उन्होंने मेवेदर को लगातार पंच मारे। मेवेदर मार खाने से बचने के लिए रिंग में इधर-उधर भागते दिखे। लेकिन यह उनकी रणनीति थी। वे अपनी ऊर्जा अंतिम समय के लिए बचा रहे थे। आखिरी के राउंड में उन्होंने अपने ताकतवर पंचों से पकयाऊ को बैकफुट पर ला दिया।
38 साल के मेवेदर ने जीत के बाद कहा, ‘जब इतिहास लिखा जाएगा तो मेरा भी जिक्र होगा। मैं चतुर मुक्केबाज हूं। मैंने पकयाऊ को बाहर कर दिया। हमें पता था कि हमें क्या करना है। वे कड़े और बहुत अजीब प्रतिद्वंद्वी है। मैंने अपना समय लिया और उनके खेल को करीबी से देखा।’ उन्होंने साथ ही कहा,, ‘सितंबर में मेरा अंतिम मुकाबला होगा। मैं इसके बाद 49-0 के रिकॉर्ड के साथ संन्यास लूंगा।’




