संसद का शीतकालीन सत्र कल से, नोटबंदी व अन्य मामलों पर हंगामे के आसार
नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार (16 नवंबर) से शुरू हो रहा है। इस सत्र के दौरान जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों और किराये की कोख के नियमन संबंधी विधेयक सहित नौ नए विधेयक पेश किए जाएंगे। वहीं, नोटबंदी मामले को लेकर संसद में हंगामे के पूरे आसार हैं। विपक्ष एकजुट होकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुटा है।
बता दें कि नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की संयुक्त रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस, चिर प्रतिद्वंदी तृणमूल कांग्रेस और माकपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को बैठक की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का फैसला पूर्व निर्धारित घोटाला है, जिसे पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा को लीक कर दिया गया था। संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरू हो रहा है। संसद में सरकार को घेरने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के संसद भवन स्थित कमरे में यह बैठक हुई। इसमें तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल यूनाइटेड (जदयू), भाकपा, माकपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और वाईएसआर कांग्रेस के नेता शामिल हुए। नेताओं एक साझा रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को फिर से बैठक करने का फैसला किया। दरअसल, बसपा, सपा, द्रमुक और राकांपा के नेताओं के अभाव में कल की बैठक बेनतीजा रही। बैठक के बाद आजाद ने कहा कि कालाधन के खिलाफ पार्टियों में एकजुटता है लेकिन समान रूप से सभी ने महसूस किया कि सरकार ने नोटबंदी संबंधी जानकारी सत्तारूढ़ भाजपा को लीक कर दी थी और यह एक पूर्वनिर्धारित घोटाला है।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विमुद्रीकरण का मुद्दा मुख्य रूप से छाया रहा और कांग्रेस समेत सभी प्रमुख विपक्षी दल संसद में इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। बैठक में ओआरओपी और किसानों की दुर्दशा के अलावा भारत द्वारा सीमा पार किये गये लक्षित हमले (सर्जिकल स्ट्राइक), पाकिस्तान को लेकर नीति और जम्मू कश्मीर की स्थिति ऐसे मुद्दे रहे, जिस पर पार्टियों ने चर्चा की मांग की। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में प्रमुख विपक्षी दलों ने महाजन से विमुद्रीकरण के मुद्दे पर प्राथमिकता से चर्चा की अनुमति देने का आग्रह किया ताकि आम लोगों की समस्याओं को उठाया जा सके। सर्वदलीय बैठक के बाद आयोजित रात्रिभोज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिस्सा लिया। बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं ने नोटबंदी और 500 और 1000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ कराये जाने, चुनावों का राज्य द्वारा वित्त पोषण जैसे मुद्दों पर पार्टियों ने चर्चा की मांग की। महाजन ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान 22 से 23 विधेयक पेश किये जाने की संभावना है। इस सत्र में 22 बैठकें होंगी। लोकसभा अध्यक्ष ने विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को साथ ही सूचित किया कि लोकसभा ने सदन की कार्यवाही को कागज रहित बनाने की दिशा में ‘दूसरा कदम’ उठाया है।