संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर और नियंत्रण रेखा संघषर्विराम उल्लंघन के मुद्दे उठाए जाने के बाद भारत ने इसका कड़ा जवाब देते हुए कहा कि इस्लामाबाद असल में आतंकवाद को पैदा और प्रायोजित करने की अपनी ही नीतियों का पीड़ित है ।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें सत्र में कल आम चर्चा के दौरान जवाब देने के भारत के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में प्रथम सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि यह ‘अफसोसनाक’ है कि पाकिस्तान ने ‘सच्चाई को तोड़ने-मरोड़ने और हमारे क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों की गलत तस्वीर पेश करने के लिए एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के उच्चस्तरीय खंड का ‘दुरूपयोग’’ करने का विकल्प चुना है । इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने महासभा में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि उनका देश आतंकवाद का ‘प्रमुख पीड़ित’ है ।

पाकिस्तान को आतंकवाद का ‘प्रमुख पीड़ित’ बताते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज आतंकवाद से हर प्रकार से निपटने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि यह बात उनके लिए कोई मायने नहीं रखती कि आतंकवाद के प्रायोजक कौन हैं।

शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें सत्र में ‘‘जनरल डिबेट’’ को संबोधित करते हुए कहा ‘पाकिस्तान आतंकवाद का प्रमुख पीड़ित है। हमने आतंकी हिंसा में हजारों नागरिकों और सैनिकों को खोया है।’ उन्होंने कहा कि बेकसूर बच्चों का भी खून बहा है ‘जिसने इस खतरे का हमारे समाज से सफाया करने के हमारे संकल्प को और अधिक मजबूत किया है।’’ शरीफ ने कहा कि हम इस खतरे के हर रूप से निपटने के लिए लडेंगे, इस बात पर ध्यान दिए बिना कि इसके प्रायोजक कौन हैं। आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को सही ठहराते हुए उन्होंने ‘जर्ब ए अज्ब’ का संदर्भ दिया। 180,000 से अधिक सुरक्षा बलों का यह आतंकवाद निरोधक अभियान आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान का सबसे बड़ा अभियान है।