उज्जैन। सिंहस्थ-2016 की सफलता के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों ने गुरुवार को इंदौर जिले के ग्राम उज्जैनी में उद्गम स्थल पर शिप्रा का पूजन किया। हालांकि वैष्णव अखाड़े के संत इसमें शामिल नहीं हुए। इसे अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि वैष्णव संतों ने अपरिहार्य कारणों का हवाला दिया है। गौरतलब है कि बुधवार को परिषद के अध्यक्ष व महासचिव ने वैष्णव अखाड़ों में पहुंचकर पूजन में आने का निमंत्रण दिया था।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरिजी महाराज एवं महासचिव महंत हरि गिरिजी महाराज अन्य साधुओं के साथ उज्जैनी पहुंचे। साधु समाज ने मां शिप्रा की विधि-विधान से पूजा कर अगले साल होने वाले सिंहस्थ की सफलता की कामना की। पूजन में संभागायुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर और कलेक्टर कवींद्र कियावत भी शामिल हुए। महंत प्रेमगिरि, महंत महेश्वरदास, सर्वेश्वर मुनि, महंत मधुसूदन गिरि, महंत श्यामदास समेत अनेक संत उपस्थित थे। वापस लौटने पर साधु-संतों ने महाकाल मंदिर में जाकर सिंहस्थ की सफलता के लिए पूजा अर्चना की। इस अवसर पर प्रशासक आरपी तिवारी मौजूद थे।

प्राकृतिक आपदा और महामारी न फैले

महंत श्री गिरि ने कहा कि कुछ दिनों पहले ज्योतिषाचार्यों ने सिंहस्थ के दौरान अनिष्टकारी योग बनने की बात कही थी। सिंहस्थ में महामारी और प्राकृतिक आपदा न आए इसके लिए धार्मिक परंपरा के मुताबिक देवी-देवताओं का पूजन किया जा रहा है। मार्च में सभी शिविरों में अनुष्ठान भी किया जाएगा।