शहर की बिजली व्यवस्था का संचालन निजी फ्रेंजाइजी एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी संभालेगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। फ्रेचाइजी के कर्मचारी बिजली कंपनी के दफ्तर पहुंचकर बिजली कंपनी के अधिकारियों के साथ कार्यप्रणाली को समझ रहे हैं। प्राइवेट फे्रंचाइजी एस्सेल (जी-समूह, मुंबई) 1 जून (संभावित) से काम शुरू कर देंगे।

एस्सेल के कर्मचारी शहर की बिजली व्यवस्था को व्यावहारिक तौर पर समझने के लिए बिजली से जुड़े आंकड़े और जानकारियां जुटा रहे हैं, जिससे संचालन में आसानी हो। हालांकि बिजली कंपनी और फ्रेचाइजी एस्सेल के अधिकारियों ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
फ्रेचाइजी और बिजली कंपनी मिलकर एक कार्यशाला का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें बिजली कंपनी के अधिकारी प्राइवेट कर्मचारियों को बिजली की बुनियादी चीजों के बारे में बताएंगे। फ्रेचाइजी शहर में बिजली की मीटर बिलिंग, मेंटनेंस और अन्य ऑपरेशंस के कार्य संभालेगी। मंगलवार को मक्सी रोड दफ्तर में एस्सेल के कर्मचारियों ने बिजली कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की और व्यवस्था को समझा।

एसेल ग्रुप के कर्मचारी हर रोज शहर संभाग पश्चिम, बल्लभनगर और शहर के पूर्व संभाग, मक्सी रोड स्थित दफ्तरों में जाकर बिजली के कनेक्शन, एकाउंट और बिलिंग संबंधी कामकाज समझ रहे हैं।

दरअसल, मुंबई के एस्सेल ग्रुप को प्रदेश के तीन शहरों (सागर, ग्वालियर और उज्ौन) में बिजली के संचालन का ठेका दिया गया है। कंपनी ने सागर और ग्वालियर में अपना कार्य शुरू कर दिया है और अब उज्ौन में व्यवस्था को हाथों में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

 इस वजह से दे रहे निजी कंपनी को
 बिजली कंपनी को हर साल होने वाले करोड़ों रूपए के लाइन लॉस को कम करने के लिए पूर्व, पश्चिम और मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एक-एक शहर को प्राइवेट फ्रेचाइजी के हवाले करने का निर्णय लिया। इसके तहत पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी में उज्ौन, पूर्व में सागर और मध्य क्षेत्र में ग्वालियर को चुना गया। सागर में एस्सेल विद्युत वितरण प्राइवेट कंपनी ने बिजली का संचालन शुरू भी कर दिया, लेकिन ग्वालियर और उज्ौन में टेकओवर करना बाकी है।
 चुनाव के बाद अंतिम रूप देंगे
आम चुनावों की वजह से शासन ने उन्हें अनुमति दे दी है, लेकिन उसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। आम चुनाव के बाद फ्रेंचाइजी और बिजली कंपनी आधिकारिक तौर पर कार्रवाही को अंतिम रूप देंगे। हाल में बिजली इंजीनियर महासंघ, जबलपुर ने बिजली का संचालन फे्रंचाइजी के हाथों में दिए जाने का पुरजोर विरोध किया है और शासन को एक ज्ञापन भी सौंपा है।
 एस्सेल का पत्र हमें मिल चुका है और उनके कर्मचारी बिजली कंपनी के दफ्तर आकर कार्यप्रणाली समझ रहे हैं। उनके साथ एक कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा। – अभय जैन, अतिरिक्त कार्यपालन यंत्री
 हमने अपनी तरफ से प्रक्रिया शुरू कर दी है, हालांकि अब तक शासन से हमें काम शुरू करने की तारीख नहीं मिली है। – प्रवीण पांडेय, पीआरओ, एस्सेल ग्रुप