विभिन्न एग्जिट पोल के नतीजों में सत्तारूढ़ राजग के बहुमत पाने के अनुमान के बावजूद, विपक्षी खेमे को विश्वास है कि भाजपा नीत गठबंधन बहुमत के जरूरी आंकड़ों से दूर रह जाएगा, इसलिए वे एक विकल्प के रूप में तैयार रहने का प्रयास कर रहे हैं.

विपक्षी एकजुटता: इस रणनीति के तहत विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं चंद्रबाबू नायडू

तेदेपा प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू – (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: विभिन्न एग्जिट पोल के नतीजों में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बहुमत पाने के अनुमान के बावजूद, विपक्षी खेमे को विश्वास है कि भाजपा नीत गठबंधन बहुमत के जरूरी आंकड़ों से दूर रह जाएगा, इसलिए वे एक विकल्प के रूप में तैयार रहने का प्रयास कर रहे हैं. 23 मई को वास्तविक नतीजों की घोषणा से पहले, तेदेपा प्रमुख और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू एक गठबंधन बनाने की कोशिश के तहत कई गैर-भाजपा पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. उनकी कोशिश है कि 543 सदस्यीय लोकसभा में से बहुमत के लिए जरूरी 272 के आंकड़े से राजग के दूर रहने की स्थिति में गैर भाजपा पार्टियां मिलकर सरकार गठन कर सकें.

एक्जिट पोल के नतीजों में राजग को स्पष्ट बहुमत मिलने के बावजूद, नायडू ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकत की. इससे पहले उन्होंने पिछले कुछ दिनों में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, भाकपा के सुधाकर रेड्डी और डी. राजा से मुलाकात की है.

विपक्षी खेमे के एक नेता ने कहा कि नायडू द्वारा विभिन्न विपक्षी नेताओं के साथ की जा रही बैठकें स्थिति का जायजा लेने के लिए ‘अनौपचारिक विचार-विमर्श’ है. नायडू ने रविवार रात एक्जिट पोल को खारिज कर दिया था और कहा था कि इस तरह के अनुमान कई बार गलत साबित हुए हैं और लोगों के नब्ज पकड़ने में विफल रहे हैं.