इंदौर। शहर में होने वाले क्रिक्रेट मैच के बहाने राजनीति गरमाने लगी है। मैच के दो दिन पहले टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व आईडीसीए अध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय ने एमपीसीए पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया पर की गई इस टिप्पणी को दबाव की राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि एमपीसीए की तरफ से आईडीएसी सदस्यों को एक हजार टिकट दिए जा चुके हैं।

मैच के आयोजन की कमान ज्यादातर सिंधिया गुट के सदस्यों के हाथों में है और टिकट को लेकर विजवर्गीय गुट को ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही। इससे सिंधिया और विजयवर्गीय के बीच फिर तलवारें खिंच गई हैं। टिकट को लेकर सिंधिया को घेरने के लिए मैच के दो दिन पहले विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया का सहारा लिया है। एमपीसीए चुनाव में सिंधिया के सामने दो मर्तबा हार चुके विजयवर्गीय फिलहाल आईडीसीए अध्यक्ष हैं। एमपीसीए पर विजयवर्गीय गुट ने जबरदस्त दबाव बनाया था।

मैं क्षमाप्रार्थी हूं

जब भी इंदौर में क्रिकेट मैच हुआ, मैने स्टेडियम में कार्यकर्ताओं के साथ ही मैच देखा है। इस बार मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच के टिकट देने में असमर्थता व्यक्त की है। मैं सभी कार्यकर्ताओं से क्षमाप्रार्थी हूं। बिहार चुनाव में व्यस्त होने के कारण मैं भी मैच देखने नहीं जा पाऊंगा। मेरा परिवार भी घर बैठकर मैच देखेगा। सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि आप लोग भी घर बैठकर ही टेलीविजन पर मैच का आनंद लें।

पांच हजार टिकट मांगे थे विजयवर्गीय ने

सोशल मीडिया पर डाले गए मैसेज से एमपीसीए और आईडीसीए के बीच की खाई और बढ़ गई है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार विजयवर्गीय खेमे ने पांच हजार टिकट मांगे थे, लेकिन एमपीसीए इसके लिए तैयार नहीं था। ढाई हजार टिकट के लिए भी चर्चा होती रही, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद विजयवर्गीय ने मैच के ठीक दो दिन पहले एमपीसीए पर निशाना साधा। कई लोग इसे दबाव की राजनीति से जोड़कर भी देख रहे हैं।

नहीं जाएंगे मैच देखने

आईडीएसीए उपाध्यक्ष चंदू शिंदे ने कहा कि टिकट के लिए क्रिकेटप्रेमियों को लाठियां खाना पड़ीं। एमपीसीए ने गलत तरीके से टिकट बांटे हैं। हमारा इस पर विरोध है। हम मैच देखने नहीं जाएंगे। एमपीसीए का कहना है कि टिकट को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। आईडीसीए सदस्यों को एक हजार टिकट पहले ही दिए जा चुके हैं और सदस्यों को वितरित भी हो गए हैं।