पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और टीम के बाहर चल रहे ऑल राउंडर शोयब मलिक का कहना है कि वर्ष 2007 में वर्ल्ड कप के बाद टीम की कप्तानी स्वीकार करना एक बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा कि ये मेरे लिए ज्यादा अच्छा होता अगर में वर्ष 2007 में टीम का कप्तान नहीं बनता लेकिन मुझे ऐसा करना पड़ा क्योंकि में स्वार्थी नहीं हूं।शोएब मलिक ने कहा कि अब मैं सोचता हूं कि ये एक बड़ी गलती थी क्योंकि उस वक्त मैं काफी युवा था और जब मुझे टीम की कप्तानी सौंपी गई तब टीम के कई सीनियर खिलाड़ी मुझसे खुश नहीं थे। मलिक को उस वक्त टीम की कप्तानी सौंपी गई जब पाक टीम वेस्टइंडीज में आयोजित वर्ल्ड कप मुकाबले में पहले राउंड में ही बाहर हो गई थी साथ ही उस दौरे पर टीम के कोच बॉब बूल्मर की भी मौत हो गई थी और टीम के मौजूदा कप्तान इंजमाम उल हक भी टीम की कप्तानी से रिटायर हो चुके थे।शोएब मलिक को वर्ष 2009 में कप्तानी से बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि पाकिस्तान टीम ने श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज गवां दी थी। शोएब मलिक ने कहा कि जब मुझे कप्तान के पद से हटाया गया उस वक्त तक मुझमें काफी आत्मविश्वास आ गया था और मुझे पता था कि एक मजबूत टीम बनाया जा सकता है।