लोकेश ने 23 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा
सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के बनाए 572 रनों के जवाब में टीम इंडिया को अभी लंबा रास्ता तय करना है लेकिन टीम के नए सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने तीसरे दिन जिस तरह से बल्लेबाजी का नजारा पेश किया उससे लगता है कि भारत अभी मैच से बाहर नहीं हुआ है।पिछले साल के अंत में मेलबर्न टेस्ट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज लोकेश ने उस मैच में बेहद खराब प्रदर्शन किया था और दोनों पारियों को मिलाकर महज 4 रन ही बना पाए जो टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष 6 नंबर के भारतीय बल्लेबाजों में से यह दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन था। पहली पारी में वह छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए और महज 3 रन ही बना सके, इसके बाद उन्हें दूसरी पारी में तीसरे नंबर पर भेजा गया और उस बार वह एक रन ही बना पाए। लोकेश की नाकामी पर कहा गया कि वह एक सलामी बल्लेबाज हैं और उन्हें ओपनिंग करने की आदत है। तो विराट कोहली ने कप्तान बनते ही आउट ऑफ फॉर्म शिखर धवन को बाहर बैठाते हुए लोकेश को मुरली विजय के साथ पारी का आगाज करने भेज दिया।
कोहली के रिस्क को उन्होंने सौ फीसदी सही साबित करते हुए शानदार ठोक दिया और वह भी अपने दूसरे ही टेस्ट मैच में। साथ ही 23 साल पुराना एक रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) जहां लोकेश राहुल ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला, वहीं यह मैच कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट करियर का अंतिम मैच साबित हुआ। धोनी ने इस मैच के ड्रॉ होने के तुरंत बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का फैसला ले लिया।
इसके बाद भारत की टेस्ट टीम की कमान विराट कोहली को मिली और उन्होंने पूर्णकालिक कप्तान बनने के बाद अपने पहले ही मैच में एक साहसिक फैसला लिया और शिखर धवन को हटाकर लोकेश को मुरली विजय के साथ पारी का आगाज करने के लिए भेजा। साथ ही चेतेश्वर पुजारा को बाहर कर रोहित शर्मा को अंतिम एकादश में शामिल किया।
हालांकि इस बार इन-फॉर्म बल्लेबाज मुरली ही शून्य पर आउट हो गए। लेकिन दूसरे छोर पर युवा बल्लेबाज लोकेश ने रोहित शर्मा (53) के साथ पारी को आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाज अपने नए कप्तान की उम्मीदों पर खरे उतरे और दूसरे विकेट के लिए 97 रनों की साझेदारी कर डाली। रोहित ने अर्धशतक लगाते हुए मानो फॉर्म में वापसी का ऐलान कर दिया।
उभरते बल्लेबाज लोकेश ने ऑस्ट्रेलियाई चुनौती का डटकर सामना किया और रोहित के जाने के बाद उन्होंने कप्तान कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 141 रनों की शतकीय साझेदारी करते हुए शानदार शतक भी ठोक दिया। सिडनी जैसे मैदान पर अपने करियर की बेहतरीन पारी खेलते हुए लोकेश ने शतक जमाया।
लोकेश ने कोहली के साथ जोरदार बल्लेबाजी करते हुए खेल के दूसरे सत्र तक भारत को कोई झटका नहीं लगने दिया। हालांकि टी-ब्रेक के बाद दूसरे ही ओवर में लोकेश मिचेल स्टॉर्क की गेंद पर कॉटएंडबोल्ड हो गए। स्टॉर्क की एक गेंद पर पुल करने के चक्कर में गेंद को हवा में खेल बैठे जिसे गेंदबाज ने खुद ही लपक लिया। उन्होंने 110 रन बनाने के लिए कुल 262 गेंदों का सामना किया और इस दौरान 13 चौके और एक छक्का भी लगाया। बतौर ओपनर उन्होंने 200 से ज्यादा गेंदें खेली, जिनमें उन्होंने 253 गेंदों में अपना शतक लगाया।
लोकेश ने बतौर भारतीय ओपनर ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा गेंद खेलने का रिकॉर्ड भी बना लिया। उन्होंने वर्तमान में टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री के रिकॉर्ड को तोड़ा। उन्होंने 1992 में एक पारी में 250 गेंद खेलने का रिकॉर्ड बनाया था।




