लखनऊ: चेकिंग के दौरान कार नहीं रोकने पर एप्पल के एरिया मैनेजर को मारी गोली, दोनों पुलिसकर्मी बर्खास्त
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार तड़के एक पुलिस कॉन्स्टेबल की गोली से 38 साल के शख्स की कथित तौर पर मौत हो गई.
मामले में एसआईटी गठित
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने विवेक तिवारी हत्या मामले में कहा कि यह दुखद घटना है. यह हत्या का मामला है और दोनों ही सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों पुलिसवाले के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है. वहीं, लखनऊ के SSP कलानिधि नैथानी ने कहा कि लखनऊ में पुलिस की गोली से एप्पल के एरिया मैनेजर की हत्या मामले में एसपी अपराध के अंतर्गत SIT गठित की जा चुकी है.
वहीं, लखनऊ के निवासी विवेक तिवारी की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह एनकाउंटर नहीं था. इस घटना की जांच की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच के आदेश भी दिए जाएंगे.
संदिग्ध स्थिति में लिया एक्शन:
इस मामले में पुलिस का कहना है कि विवेक तिवारी अपनी एक महिला साथी के साथ एसयूवी कार चला रहा था. गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने उसे इशारा कर गाड़ी रोकने को कहा. पुलिस ने कहा कि तिवारी ने वहां से कथित तौर पर भागने का प्रयास किया, इसी क्रम में पहले उसने पहले पुलिस की पेट्रोलिंग वाली बाइक में और फिर बाद में दिवार को भी टक्कर मारी. ख़बर ये भी है कि पुलिस ने विवेक की महिला मित्र को उसके घर में ही नज़रबंद कर दिया है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लखनऊ के पुलिस कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गोली चलाने की नौबत क्यों आई. लखनऊ पुलिस का कहना है कि कॉन्स्टेबल ने आत्म-रक्षा के लिए गोली चलाई थी. पुलिस का कहना है कि आरोपी कॉन्स्टेबल को लगा कि कार के भीतर शायद अपराधी हो सकते हैं.
पुलिस की गोली से हुई मौत:
लखनऊ पुलिस चीफ कलानिधि नैथानी ने कहा कि हमने दोनों पुलिस कर्मियों को हिरासत में ले लिया है, जो उस वक्त घटनास्थल पर चेकिंग ड्यूटी पर थे. हमारे कॉन्सटेबल ने संदिग्ध गतिविधि को ध्यान में रखते हुए कार के चालक को घायल करने के इरादे से गोली चलाई. उन्होंने आगे कहा कि मृत्यू एक्सीडेंटल चोटों से हुई या बुलेट से हुई है, इसकी सही जानकारी पोस्टमार्टम के बाद आ पाएगी. अभी दोनों कॉन्सटेबल को हिरासत में लिया गया है और जांच की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को देखकर उसने भागने की कोशिश की और जाकर दीवार में टक्कर मार दी. इस टक्कर में उसे काफी चोट आई, जिससे उसकी मौत हो गई.
मगर अब पोस्टमार्टम में यह बात सामने आई है कि एप्पल कम्पनी के अफसर विवेक तिवारी के सर से गोली मिली और इससे स्पष्ट हो गया है कि विवेक की गोली लगने से ही हुई मौत. पुलिस अफसर पोस्टमार्टम हाउस में कमरा बन्द करके डॉक्टरों से बातचीत की..हालांकि, यह भी स्पष्ट नहीं है कि मृतक विवेक उस वक्त शराब के नेशे में थे या होश में थे.
आत्मरक्षा में चलाई गोली:
एक आरोपी कॉन्स्टेबल प्रशांत का कहना है कि सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई. उसने दो तीन बार गाड़ी रिवर्स करके चढ़ाने की कोशिश की. आरोपी प्रशांत ने कहा कि ‘हम पेट्रोल ड्यूटी पर थे. रात के करीब डेढ़ बजे हमने एक संदिग्ध कार को देखा, जिसकी लाइट बंद थी. हम कार के नजदीक गये. जैसे ही हम पास गये, कार में बैठे शख्स ने गाड़ी स्टार्ट कर दी. हमने कार के सामने अपनी गाड़ी खड़ी की. कार ने हमारी बाइक को टक्कर मारी. हमने उसे रुकने को कहा. उसने कार को रिवर्स में किया और फिर से बाइक को टक्कर मारी. हम उसे बाहर निकलने के लिए कह रहे थे. मगर उसने तीसरी बार भी गाड़ी रिवर्स की और पूरी ताकत के साथ बाइक को टक्कर मारी. मैं जमीन पर गिर गया. उसके बाद में उठा और पिस्तोल निकाल कर उसे डराया. वह मुझे कुचलना चाह रता था, इसलिए मुझे आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी.’
क्या वह आतंकवादी थे?
मृतक विवेक तिवारी के रिश्तेदार विष्णु शुक्ला ने कहा कि क्या वह आतंकवादी थे जो पुलिस ने गोली मार दी? हम योगी आदित्यनाथ को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनते हैं, हम चाहते हैं कि वह इस घटना का संज्ञान लें और निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करें. वहीं, मृतक विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी ने कहा कि पुलिस को मेरे पति को मारने का कोई हक नहीं था. मैं यूपी के सीएम से मांग करती हूं कि वह यहां आएं और मुझसे बात करें.
पत्नी ने कानून-व्यवस्था पर उठाये सवाल:
मृतक विवेक की पत्नी का कहना है कि ”एप्पल कंपनी की ओर से एक पार्टी थी. मेरे पति ने कहा था कि वह पहले अपनी एक साथी को उसके घर पहुंचाकर घर लौटेंगे. करीब 1.30 बजे हमारी बात हुई थी. 2 बजे के बाद मैंने उन्हें कई बार फोन किया, मगर एक बार भी फोन पिक नहीं हुआ. फिर करीब 3 बजे किसी ने मुझे फोन किया और कहा कि वह लोहिया अस्पताल से बोल रहे हैं और मेरे पति की एक दुर्घटना में मौत हो गई. मैं लोहिया अस्पताल पहुंची. पहले तो डॉक्टर मुझे कुछ भी बताने से इनकार कर रहे थे. फिर उन्होंने कहा कि हम आपके पति को नहीं बचा पाए. मैंने पुलिस वालों से घटनास्थल पर ले जाने को कहा. वह मेरे पति के बार में भला-बुरा कहने लगे. जब मैं घटनास्थल पर गई तो मुझे पता चला कि मेरे पति को सामने से गोली मारी गई है. पुलिस कह रही थी कि मेरे पति आपत्तिजनक अवस्था में पाये गये थे. तो मैं कहती हूं कि आपने उन्हें पकड़ा क्यों नहीं. क्या कार को नहीं रोकना क्या कोई अपराध है? मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहती हूं कि यह किस तरह की कानून-व्यवस्था है.’