लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के पीएचडी के दलित छात्र की आत्महत्या पर चुप्पी तोड़ते हुए शुक्रवार को शोक व्यक्त किया हालांकि उनके संबोधन के दौरान कुछ छात्रों ने नारेबाजी की। भावुक दिखे मोदी ने कहा, ‘जब यह खबर मिलती है कि मेरे ही देश के जवान बेटे रोहित को आत्महत्या के लिये मजबूर होना पड़ा। मां भारती ने अपना लाल खो दिया। कारण और राजनीति अपनी जगह पर होंगे लेकिन सच्चाई यह है। मैं उसके परिवार की पीड़ा को समझ सकता हूं।’
मोदी यहां बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान कुछ छात्रों ने विरोध जताते हुए ‘मोदी मुर्दाबाद’, ‘मोदी वापस जाओ’ तथा ‘इंकलाब जिन्दाबाद’ जैसे नारे लगाए।
नारे लगाने वाले दोनों छात्र नीला गाउन पहने हुए थे जो स्नातकोत्तर उपाधि हासिल करते समय पहना जाता है। पुलिस ने उन्हें बाहर निकाल दिया और हिरासत में ले लिया। उनकी पहचान राम करन और भुवनेश आर्य के हैदराबाद विश्विविद्यालय के पीएचडी के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या से एक बड़ा विवाद पैदा हो गया है। राजनीतिक दल इसे लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर तीखा हमला बोल रहे हैं। वे इन दोनों मंत्रियों को घटना के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय के प्रोक्टर कमल जायसवाल ने कहा, ‘हम आश्चर्यचकित रह गए। हमने सभी सावधानियां बरती थीं। नियमों के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।’ मोदी हालांकि रोहित की आत्महत्या पर हो रही राजनीति में नहीं गए।
प्रधानमंत्री ने रोहित की आत्महत्या का जिक्र करते हुए कहा कि 21वीं सदी को भारत की सदी कहे जाने की खुशी थी क्योंकि यह दुनिया में ‘सबसे युवा देश’ है, लेकिन इस तरह के घटनाक्रम से उन्हें दुख हुआ है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम देश को एक ऐसी दिशा में ले जाना चाहते हैं जहां नया उत्साह और आत्मविश्वास हो। हम देश को अंबेडकर के सपने की दिशा में ले जाने का अथक प्रयास कर रहे हैं। उनके विजन पर चले बिना देश की प्रगति संभव नहीं है।