नई दिल्‍ली : कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच जमीन सौदे में अब नया मोड़ आ गया है। इस जमीन सौदे की जांच से जुड़े अहम दस्‍तावेज गुम होने की खबर सामने आई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जमीन सौदे की जांच के आदेश से कुछ पेज गायब हो गए हैं। गायब पेज में जांच की वजह का जिक्र किया गया था। उधर, गायब पन्‍नों के मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। यह आदेश हरियाणा सरकार ने दिए हैं।इस मामले की खुलासा आईएएस अधिकारी अशोक खेमका की ओर से दायर एक आरटीआई के जरिये हुआ। खेमका की ओर से आरटीआई के जरिए केस की फाइल मांगी गई। खेमका ने आफिशियल नोटिंग गुम होने की शिकायत की थी। यह शिकायत मुख्‍य सचिव से की गई थी। खेमका ने नोटिंग की मांग की थी और सीएम आफिस के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की थी।

यह खबर सामने आई है कि जमीन सौदे को लेकर जांच पैनल पर जारी आफिशियल नोटिंग गुम हुई है। इसी पैनल ने वाड्रा की कंपनी को क्‍लीनचिट दी थी। स्‍काइलाइट नामक कंपनी को क्‍लीनचिट दी गई थी। वहीं, सर्विस ब्रांच सुपरिन्‍टेडेंट ने एफीडेविट के जरिये नोटिंग गुम होने की जानकारी दी। अब सवाल यह उठ रहा है कि सीएम आफिस से यह नोटिंग गायब कैसे हो गई।

गौर हो कि इस फाइल में हुड्डा सरकार की बनाई एक कमेटी की रिपोर्ट है। कमेटी ने इस बात की जांच की थी कि अशोक खेमका को वाड्रा जमीन सौदे रद्द करने का अधिकार है या नहीं। बाद में इस कमेटी ने जमीन सौदे में वाड्रा को क्लीनचिट देते हुए अशोक खेमका के खिलाफ ही जांच की सिफारिश की थी। अब, खेमका ने हरियाणा सरकार से इस मामले में शीघ्र एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है।