रीवा में पकड़ी गई पाकिस्तानी महिला
कोतवाली पुलिस ने शहर के घोघर मोहल्ले से एक पाकिस्तानी महिला इश्तंदा मुस्तहक पत्नी फवरुद्दीन [53] को गिरफ्तार किया है। महिला पर आरोप है कि वह यहां पर बगैर नागरिकता के रह रही थी। पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय व पाकिस्तान दूतावास भेज दी है।
थाना प्रभारी राजेंद्र मोहन अग्रवाल ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि पाकिस्तान के कराची शहर के दस्तगिर कॉलोनी स्थित 405/15 में रहने वाली इश्तंदा मुस्तहक शहर के घोघर मोहल्ले में अपने पति के साथ किराए के मकान में रह रही है। सूचना के बाद पुलिस महिला के घर पहुंची और उसे हिरासत में लिया। थाना प्रभारी श्री अग्रवाल के अनुसार महिला से जब रीवा में रहने संबंधी दस्तावेज मंगाए गए तो उसके पास रीवा में रहने का वीजा नहीं मिला, जिससे गिरफ्तार कर जेल वारंट पर जेल भेज दिया है।
इलाहाबाद का है वीजा
महिला के पति फवरुद्दीन ने बताया कि वह यूपी के इलाहाबाद जिले में बक्शी बाजार में रहता है। वह सील-मुहर बनाने का काम करता है। कुछ दिनों पहले उसकी पत्नी रिश्तेदारी के चलते रीवा आई थी। फवरुद्दीन के अनुसार शादी के बाद उसकी पत्नी का इलाहाबाद में रहने का वीजा बना हुआ है।
इसलिए हुई गिरफ्तारी
पुलिस के अनुसार दूसरे मुल्क के रहवासी अन्य देश में वीजा पर उसी शहर में रह सकते है, जहां वीजा में स्थान दर्शाया गया हो। अगर किन्हीं कारणवश या परिस्थिति में स्थान परिवर्तन होता है तो इसकी जानकारी केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय को देना प़़डती है। वहां से जारी पत्र के आधार पर संबंधित व्यक्ति दूसरे स्थान पर रह सकता है। लिहाजा इलाहाबाद का वीजा होने के बाद भी इश्तंदा मुस्तक का रीवा में रहना अवैधानिक है।
दे दी सूचना
इश्तंदा मुस्तहक के रीवा में मिलने की सूचना पीएचक्यू, केन्द्र सरकार के विदेश मंत्रालय और पाकिस्तानी दूतावास को भेजी गई है। महिला के पति से मिले सभी दस्तावेजों की फोटो कॉपी जांच के लिए भेजी गई है।
संवेदनशील है रीवा
रीवा को संवेदनशील क्षेत्र माना गया है। इसके दो कारण है।
1. सिमी प्रमुख सफदर नागौरी को केन्द्रीय जेल रीवा में 2009–10 में रखा गया था।
2. पाकिस्तान के एक आतंकवादी ने रीवा शहर में 18 साल गुजारे थे। उसने रीवा में निकाह किया था और पाकिस्तान लौटते समय बाघा बार्डर पर गिरफ्तार किया गया था। उसके बयान के बाद पहली बार रीवा जिले को आतंकवादियों के छिपने के ठिकाने के तौर पर चिंहित किया गया था। उक्त मामला 1996 के समय का बताया जा रहा है।
मुखबिर की सूचना पर महिला को गिरफ्तार किया गया है। पहले तो वह नागरिकता होने की बात कह रही थी। लेकिन बाद में जब उससे दस्तावेज मंगाए गए तो पता चला कि उसके पास रीवा का वीजा तक नहीं है। जिसे न्यायालय में पेश किया गया। जहां से जेल वारंट पर से जेल भेज दिया गया है।
राजेन्द्र मोहन अग्रवाल, थाना प्रभारी, सिटी कोतवाली रीवा।
एमएस मंडलोई, प्रभारी एसपी, रीवा ने कहा कि मामले की जांच के बाद महिला को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से महिला को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। जांच जारी है।




