रिलायंस जियो इन्फोकॉम के प्रवेश से दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इंटरनेट शुल्क में कम से कम 20 प्रतिशत कमी आ सकती है। यह बात आज फिच रेटिंग्स ने कही। कंपनी ने हालांकि, कहा कि 2009-2013 में जिस तरह शुल्क को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई थी वैसा नहीं होगा।

फिच ने भारतीय दूरसंचार सेवाओं के मामले में 2015 के अपने दृष्टिकोण में कहा, रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो के 2015 की पहली छमाही में प्रवेश से इंटरनेट खंड में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इससे इंटरनेट शुल्क में कम से कम 20 प्रतिशत की कमी आ सकती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घोषणा की थी कि वह 2015 में रिलायंस जियो की 4जी दूरसंचार सेवा पेश करेगी जिस पर 70,000 करोड़ रपए का निवेश किया गया है।

फिच ने कहा कि जियो मुख्य तौर पर इंटरनेट पर ध्यान देगा और इसकी मोबाइल पर बातचीत :वॉयस: वाले मौजूदा कारोबार पर सीमित असर होगा क्योंकि भारत में वॉयस ओवर एलटीई प्रौद्योगिकी का नेटवर्क कमजोर है और 4-जी अनुकूल हैंडसेट की उपलब्धता भी कम है।फिच ने कहा, हमें 2009-2013 का शुल्क युद्ध फिर शुरू होने की उम्मीद नहीं है जिसके कारण उद्योग की शुल्क दरों में भारी गिरावट हुई थी। फिच को उम्मीद है कि चार प्रमुख भारतीय दूरसंचार कंपनियां – भारती एयरटेल लिमिटेड, वोडाफोन इंडिया, आइडिया सेल्यूलर और रिलायंस कम्यूनिकेशंस – 2014 तक आय के मामले में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर 83 प्रतिशत करेंगी जो फिलहाल 30 अरब डालर के इस उद्योग में 79 प्रतिशत पर है।