नईदिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी सरकार ने पूछा है कि वह भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लागू कराने को लेकर जल्दी  में क्यों है अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से पहले उन्होंने पूछा है कि सरकार को इस संशोधन को लागू करने की इतनी जल्दी क्यों है? राष्ट्रपति ने संशोधनों को बुधवार को स्वीकृत किया मालूम हो कि सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून के प्रति नरमी दिखाते हुए इसमें कुछ संशोधन किया है। अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से पहले राष्ट्रपति ने वित्तमंत्री सहित कानून मंत्री सदानंद गौड़ा, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से पूछा है कि सरकार उच्च सदन में समर्थन प्राप्त करने से पहले ही इस अध्यादेश को लागू करने के प्रति इतनी जल्दबादी क्यों दिखा रही है।उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कैबिनेट ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को 29 दिसंबर को मंजूरी दी थी.केंद्रीय वित्तमंत्री अरु ण जेटली ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि पांच विषयों के लिए भूमि अधिग्रहण को आसान बनाया गया है। वित्तमंत्नी के अनुसार, राज्यों से चर्चा के बाद भूमि अधिग्रहण कानून संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दी गयी है. इस अध्यादेश में किसानों के पुनर्वास व मुआवजे में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

पांच मामलों में भूमि अधिग्रहण में कुछ छूट देने या लचीलापन लाने का प्रावधान किया गया है. ये मामले हैं – एक रक्षा व आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मामले, दूसरा ग्रामीण आधारभूत संरचना, तीसरा शहरी विकास व हाउिसंग, चौथा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण पांचवा आधाभूत संरचना व सामाजिक आधारभूत संरचना. उन्होंने कहा इनसे जुड़ी जरूरतों के लिए भूमि अधिग्रहण को आसान बनाना विकास के लिए आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि संसद का शीतकालीन सत्न खत्म होने के बाद सरकार का यह चौथा अध्यादेश लाया है. इससे पहले कोयला, बीमा, मेडिकल सेक्टर में सरकार अध्यादेश ला चुकी है. उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही ग्रामीण विकास मंत्नी वीरेंद्र सिंह ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश  पर अपने विभाग के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की थी।