नई दिल्ली: मुरादाबाद के जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में अजीब ही नजारा देखने को मिला. मरीज जमीन पर पड़े थे और बेड पर पुलिस वाले गहरी नींद ले रहे थे.

 दरअसल बिजनौर जिले की धामपुर कोतवाली पुलिस एक अज्ञात महिला मानसिक रोगी को यहां इलाज के लिए लाये थे जो धामपुर में लोगो को ईंट पत्थर मारकर घायल कर रही थी.

 इस महिला के साथ दो महिला आरक्षी अंजुम लता, वीरबाला, सिपाही सतवीर सिंह और एक सब इंस्पेक्टर भी जिला अस्पताल आये थे जहां महिला की हालत देखते हुए उसे भर्ती कर लिया गया था.

 लेकिन खाकी को नींद में ये भी ध्यान नही रहा कि उन्हें इस महिला की रक्षा में भेजा गया है. सभी ने इमरजेंसी वार्ड के बेडों पर कब्जा कर लिया और कुम्भकर्ण की तरह नींद का आनंद लेना शुरू कर दिया.

 बीमार महिला और अन्य मरीज नीचे जमीन पर ही पड़े रहे. इसी बीच जब मीडिया के लोग वहां पहुंचे और इस नज़ारे को अपने कैमरे में कैद करने लगे तो एक एक करके सभी पुलिस वालो की नींद खुल गयी और तुरंत उठ बैठे.

 इस पुलिस टीम के इंचार्ज दरोगा से जब उसका परिचय पूछा गया तो वो मीडिया कर्मियों पर ही भड़क गए और उल्टा उन पर ही उलटे सीधे आरोप लगाते हुए धमकाने की नाकाम कोशिश की.

 इस दरोगा ने अपनी नेमप्लेट भी छिपा कर जेब में रख रखी थी नेम प्लेट के बारे में भी उल्टा जबाव देते हुए बोला कि नेम प्लेट तुम्हारी जेब में है लेकिन वो समझ गया था की अब वो कैमरे में कैद हो चूका है.

 उधर जिला अस्पताल के डॉक्टर भी इस मामले में कुछ बोलने से बचते हुए कैमरे के सामने नही आये आखिर मामला खाकी से जो जुड़ा हुआ था. अन्य पुलिस कर्मियों का हाल ऐसा था जैसे मानो उन्हें कोई सांप सूंघ गया हो.

 जिला अस्पताल के एमर्जेन्सी वार्ड के बेड जो मरीज़ो के आराम के लिए होते उसपर कब्ज़ा कर मरीज़ों को नीचे ज़मीन पर लिटा कर ये वर्दी वाले खुद आराम से हो रहे तो जो उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए बड़े शर्म की बात है.

 जब वर्दी वालों को ही अपनी ड्यूटी और मानवता का ख्याल नहीं तो फिर किसी से क्या उम्मीद की जाये.