केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद नक्सली संगठन उनकी रणनीति से डरे हुए हैं। प्रतिबंधित संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया [माओवादी] ने क्रांतिकारी संगठनों को एकजुट करने और संभावित हमले से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।माओवादियों के प्रवक्ता अभय की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए पत्र जारी किया गया है। इसमें केंद्र को ब्राह्मणवादी सरकार बताते हुए सभी क्रांतिकारी ताकतों को एकजुट होकर मुकाबला करने की बात कही गई है। माओवादियों की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार भी पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की तरह ही नव उदारवादी नीतियों को लागू करेगी। मोदी और भाजपा की जीत से देश में शोषण, उत्पीड़न और फासीवाद बढ़ेगा। भाजपा को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गए अभियान का फायदा चुनाव में मिला। देश में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश था। अब पूरे देश में गुजरात मॉडल लागू करने की बात कही जा रही है।

अभय के बयान के अनुसार, गुजरात मॉडल में मजदूरों, किसानों, अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों और समाज के अन्य वर्गो का शोषण होता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना करते हुए प्रतिबंधित संगठन ने कहा है कि उसने मुस्लिम विरोधी हमलों को भड़काने और विशेष रूप से मुजफ्फरनगर हिंसा के माध्यम से हिंदुओं का धार्मिक वर्चस्व बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।