मोदी को इशरत मामले के जरिए निशाना बनाने की थ्योरी मजबूत हुई
वाशिंगटन। सोमालिया में हुए अमरीकी ड्रोन हमले में चरमपंथी गुट अल-शबाब के कम से कम 150 सदस्य मारे गए हैं। इसकी जानकारी देते हुए पेंटागन के प्रवक्ता कैप्टन जैफ डेविस ने बताया है कि इस हमले में एक ट्रेनिंग कैंप को निशाना बनाया गया जहां बड़े पैमाने पर हमले की योजना बनाई जा रही थी। उनके मुताबिक अमेरिका को इस बात की जानकारी थी कि वो कैंप छोड़कर निकलने वाले है और अमरीकी और अफ़्रीकी सेनाओं के लिए ख़तरा बनने वाले थे।
प्रवक्ता ने बताया कि शुरुआती आकलन से लगता है कि इस हमले में डेढ़ सौ से ज़्यादा चरमपंथी लड़ाके मारे गए हैं। यह हमला राजधानी मोगादिशु के उत्तर में करीब 195 किलोमीटर दूर कैंप को निशाना बनाकर किया गया था। अमेरिकी खुफिया एजेंसी इस कैंप पर काफी समय से नज़र रखी जा रही थी।
गौरतलब है कि अलकायदा से जुड़े चरमपंथी संगठन अल-शबाब को साल 2011 में अफ़ीकन यूनियन के शांति सैनिकों ने मोगादिशू से बाहर कर दिया था लेकिन वह पिछले काफ़ी समय से पश्चिमी ताक़तों के समर्थन से बनी सरकार को गिराने के लिए हमले करता रहा है। इस संगठन के मुताबिक उसने पिछले महीने सोमालिया के शहर बायदोआ में एक भीड़-भाड़ वाले रेस्टोरेंट पर हमला किया था।