टेस्ट ट्यूब टेक्नोलॉजी ने एक बार फिर मेडिकल जगत में इतिहास रच दिया है. एक पुरुष ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है. यह कोई मेडिकल चमत्कार नहीं बल्कि यह सब संभव हुआ है टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रगतिशील तकनीक की वजह से. दरअसल, गुड़गांव निवासी ममता (काल्पनिक नाम) को XY गुणसूत्र पैटर्न है. ममता एक महिला हैं, लेकिन उनमें पुरुषों का गुणसूत्र पैटर्न है, पिछले सात साल से वो निःसंतान थीं. जब वो मेरठ के जिंदल टेस्ट ट्यूब सेंटर पहुंची तो वहां डॉक्टर सुनील जिंदल ने अथक प्रयास कर सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (assited reproductive technology) के जरिए ममता की मदद की. नतीजतन ममता ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया.

डॉक्टरों का कहना है कि पुरुषों में 46 XY गुणसूत्र होते हैं, जबकि महिला में 46 XX गुणसूत्र. जब उनका कार्योटापिंग (karyotyping) यानी गुणसूत्र की जांच की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. ममता वास्तव में पुरुष XY गुणसूत्र हैं और इस कुदरती विकृति के कारण उनके शरीर में पुरुष लिंग तो विकसित नहीं हो पाया, लेकिन उन्होंने एक अविकसित गर्भाश्य के साथ जन्म लिया था. यही नहीं उनमें कोई अंडाशय व स्त्री हार्मोन भी नहीं थे.

डॉक्टर सुनील जिंदल ने बताया कि ममता के अविकसित गर्भाशय को विकसित करने के लिए उनका हॉर्मोन और एंडोक्रिनल इलाज किया गया. उनके गर्भाशय को हॉर्मोन द्वारा बच्चा जनने लायक बनाया गया और पूरे 32 साल बाद उनको पहली बार माहवारी हुई. इसके बाद ममता के पति के शुक्राणु से ह्यूमन टिश्यू कल्चर से भ्रूण तैयार किया और पहले से ही तैयार किए गए गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया गया.

इस पूरी प्रक्रिया के दौरान डॉक्टरों के सामने बहुत कठनाइयां आईं, ममता को प्रसव पूर्व दर्द हुआ और उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगा था. लेकिन इन सब समस्याओं का सामना करते हुए ममता को 6 फरवरी को जुड़वां बच्चे (लड़का-लड़की) हुए. मां और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं और ममता अपने जुड़वां बच्चों को पाकर बहुत खुश हैं.