मुंबई। 26/11 आतंकी हमले की सुनवाई कर रही सत्र अदालत ने पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली को कुछ शर्तों के साथ सरकारी गवाह बनने की इजाजत दे दी है। मुंबई आतंकी हमले के अभियुक्त हेडली को अमेरिका से यहां की अदालत में गुरुवार शाम वीडियो लिंक के जरिये पेश किया गया। इस दौरान हेडली ने सरकारी गवाह बनने के बदले माफी की मांग की। इस पर अभियोजन पक्ष ने कहा कि उसे कुछ शर्तों के साथ हेडली का प्रस्ताव मंजूर है।

लश्कर आतंकी को मुंबई हमलों के सिलसिले में 11 मामलों में अभियुक्त बनाया गया है। उसने अपने खिलाफ आरोपों को स्वीकार कर लिया है। हेडली ने कहा कि मैं इन अपराधों में अपनी भूमिका स्वीकार करता हूं। मैं अदालत में गवाह के तौर पर हाजिर होने के लिए भी तैयार हूं।

लश्कर आतंकी ने कहा कि अगर अदालत से मुझे माफी मिले तो मैं इस पूरी घटना के संबंध में सवालों का जबाव देने के लिए तैयार हूं। इस मामले में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने भी अदालत को बताया कि हेडली माफी के बदले गवाह बनने के लिए तैयार है।

इसके बाद निकम ने जांच अधिकारियों से सलाह-मशविरे के लिए कुछ वक्त मांगा। इस पर अदालत को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। हेडली ने अदालत को बताया कि इसी तरह के आरोपों के तहत मुझे अमेरिकी अदालत में गुनहगार ठहराया गया था। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी अदालत पहले ही मुंबई हमलों के लिए हेडली को 35 साल कैद की सजा सुना चुकी है। मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए हमलों में लगभग 170 लोग मारे गए थे। हेडली अमेरिकी अदालत के सामने पहले ही स्वीकार कर चुका है कि उसने कई बार मुंबई का दौरा किया था और ये दौरे हमलों की योजना से जुड़े थे।

कौन है हेडली

हेडली ने 2006 से 2008 के बीच कथित तौर पर पांच बार भारत का दौरा किया। इस दौरान उसने ताज, ओबेराय होटल और नरीमन हाउस जैसी जगहों पर जाकर वीडियो फुटेज बनाए। इसे आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 को निशाना बनाया था। मुंबई के प्रमुख स्थानों पर हेडली की ओर से टोह लिए आने के आधार पर ही लश्कर के 10 आतंकवादियों ने हमले को अंजाम दिया था।

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आंतकी डेविड हेडली को लश्कर का अंडरकवर एजेंट बताया जाता है और उन्होंने लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया था। 24 जनवरी 2013 को अमेरिका की संघीय अदालत ने हेडली को दोषी करार दिया था और मुंबई हमले में भूमिका के लिए 35 साल की जेल सुनाई गई थी।