मुंबई। मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और समीर कुलकर्णी को बांबे हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने मामले से बरी करने की दोनों की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है।
साध्वी प्रज्ञा और कुलकर्णी ने विशेष एनआइए अदालत के 27 दिसंबर के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। विशेष अदालत ने मामले से बरी करने की दोनों की याचिका को खारिज कर दिया था।
हालांकि एनआइए अदालत ने आंशिक राहत देते हुए साध्वी प्रज्ञा और कुलकर्णी को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) से मुक्त कर दिया था।
साध्वी प्रज्ञा और कुलकर्णी की ओर से वकील प्रशांत मग्गू ने हाई कोर्ट में जस्टिस रंजीत मोरे और अनुजा प्रभुदेसाई की पीठ के समक्ष कहा कि आरोप मुक्त करने की याचिका अस्वीकार करने का एनआइए अदालत का फैसला दोषपूर्ण था।
उन्होंने बताया कि मामले की जांच कर रही एनआइए ने अपनी चार्जशीट में साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी है। पिछले साल हाई कोर्ट में जमानत याचिका के दौरान भी एनआइए ने कहा था कि उसे साध्वी प्रज्ञा को आरोप मुक्त करने पर कोई आपत्ति नहीं है।
चार्जशीट में जांच एजेंसी कुलकर्णी के खिलाफ भी कोई ठोस सुबूत नहीं दे सकी थी। हाई कोर्ट ने पिछले महीने इसी मामले में सह आरोपित लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित की आरोप मुक्त करने की याचिका भी स्वीकार की थी।