माता के 9 भोग से जागेगा भाग्य
दिल्ली: नवरात्र व्रत में पहले दिन माता शैलपुत्री से लेकर 9वें दिन की देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्र की 9 देवियां, शक्ति के 9 स्वरुप की प्रतीक हैं। इन्हीं शक्ति के 9 स्वरुप को पाकर, आप जीवन में सुख समृद्धि से लेकर यश,कीर्ति और भौतिक संसाधन हासिल कर सकते हैं।
नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री माता की पूजा होती है। निरोगी काया पाने के लिये, मां शैलपुत्री को गाय के शुद्ध घी का भोग लगायें। ऐसा करने से माता आरोग्य का वरदान देती हैं।
-दीर्घायु के लिये शक्कर का भोग
अगर आप लंबी आयु पाना चाहते हैं तो मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाकर, ये शक्कर घर के सभी सदस्यों को प्रसाद रूप में बांट दें। ऐसा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती।
-परमानंद पाने के लिये दूध का भोग
नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को अगर आप दूध या दूध से बनी मिठाई, खीर का भोग लगाते हैं, तो ऐसा करने से आपका हर दुख खत्म हो जायेगा और परमानंद की प्राप्ति होगी। भोग लगाने के बाद, दूध या दूध की मिठाई को मंदिर में ब्राह्मण को दान दें।
-मालपुए के भोग से बुद्धि का विकास
अगर आप परीक्षा प्रतियोगिता में बैठ रहे हैं तो इस नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा को, मालपुए का भोग लगायें। इस मालपुए को ब्राह्मण को दान देने से, बुद्धि का विकास और निर्णय क्षमता बढ़ेगी।
-केले के भोग से आरोग्य संपदा
सेहत ही सबसे बड़ा धन है। ये धन हासिल करने के लिये नवरात्र के पांचवे दिन स्कंदमाता को केले का भोग लगायें। केले के प्रसाद से आपको आजीवन आरोग्य का वरदान मिलता रहेगा।
-शहद के भोग से आकर्षण मिलेगा
अगर आप चाहते हैं कि हर कोई आपको देखते ही आकर्षित हो जाये। आप टीवी या मीडिया में नाम कमाना चाहते हैं तो इसके लिए नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी को , शहद का भोग लगायें।
-गुड़ के भोग से शोक मुक्ति
अगर आप हर तरह के कष्ट और शोक से छुटकारा पाना चाहते हैं तो नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि को, गुड़ का भोग लगाकर, किसी ब्राह्मण को दान दें। मां कालरात्रि ऐसा करने से, जीवन में आने वाले आकस्मिक संकट से रक्षा करती हैं।
-नारियल के भोग से संतान सुख
अगर आप अपने संतान के जीवन में कोई कष्ट नहीं चाहते तो नवरात्र के आठवें दिन महागौरी को नारियल का भोग लगायें। संतान की हर समस्या से छुटकारा मिलेगा।
-तिल के भोग से मृत्यु भय नहीं
मृत्यु का भय सबको सताता है लेकिन मां सिद्धिदात्री मृत्यु भय दूर करती हैं तिल के भोग से। जी हां तिल के भोग से आकस्मिक मृत्यु भय से छुटाकार मिलता है।