मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर चार फीसद वैट बढ़ाने के बाद राज्य सरकार नए साल में रसोई गैस के दाम भी बढ़ाने जा रही है। यह पहला मौका है जब राज्य सरकार केन्द्र के अनुदान पर टैक्स लगाएगी। फिलहाल सरकार एक सिलेंडर पर 367 स्र्पए अनुदान दे रही है।इस लिहाज से एक जनवरी से इस राशि पर टैक्स चुकाने पर आम उपभोक्ता को प्रति सिलेंडर लगभग 18.35 रुपए अतिरिक्त देने होंगे। हर माह की पहली तारीख को बिना सब्सिडी के सिलेंडर की कीमत कम-ज्यादा होने पर टैक्स की यह राशि घटती-बढ़ती रहेगी। दरअसल केन्द्र सरकार एक जनवरी से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ऑन एलपीजी (डीबीटीएल) लागू कर रही है।गौरतलब है कि फिलहाल बिना सब्सिडी के एलपीजी सिलेंडर की कीमत 835 स्र्पए है।

इस पर केंद्र सरकार 367 स्र्पए सब्सिडी दे रही है। डीबीटीएल योजना लागू होने पर यह सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के खाते में आएगी। केंद्र की इस योजना का फायदा राज्य सरकार अपना खजाना भरने के लिए उठाने की तैयारी में है। दरअसल वर्तमान में उपभोक्ता को सब्सिडी के बाद 435 रुपए में मिलने वाले सिलेंडर पर राज्य सरकार 5 प्रतिशत यानी करीब 22 रुपए वैट ले रही है।

गैस प्लांट से वितरण स्थल तक टोल और ट्रांसपोर्टेशन मिलाकर इंदौर में वर्तमान में सिलेंडर 455 और भोपाल में 457 स्र्पए में मिल रहा है। अन्य शहरों में ट्रांसपोर्टेशन की राशि घट-बढ़ होकर इसके रेट में हल्का अंतर है। इस कीमत पर सरकार का वैट भी शामिल है, लेकिन 367 स्र्पए की सब्सिडी पर भी अब उपभोक्ता को वैट देना होगा जो 18.35 स्र्पए होगा। हर माह नॉन सब्सिडी गैस सिलेंडर की कीमत और सब्सिडी घटने-बढ़ने पर उसी अनुपात में टैक्स का अंतर भी घटता-बढ़ता रहेगा।