मार्ट इंडिया बिजनेस आउटलुक सर्वेक्षण में निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच आशा का स्तर सबसे कमजोर दिखाई दिया। मौजूदा परिदृश्य भी वैश्विक औसत से नीचे है। सर्वेक्षण में कहा गया, अक्टूबर के परिदृश्य संबंधी आंकड़े यह संकेत देते हैं कि भारत में 17 प्रतिशत निजी फर्मों का अगले 12 महीनों में नया काम बढ़ने की उम्मीद है। सर्वेक्षण के आंकड़े 12 से 28 अक्टूबर के बीच के हैं।

मार्ट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लिमा ने कहा, यद्यपि भारत में निजी क्षेत्र की कंपनियों को आर्थिक स्थिति में अगले साल तक सुधार आने की उम्मीद है, प्रतिस्पर्धी दबाव और मुद्रास्फीति में तेजी आने के अनुमान से उनकी धारणा प्रभावित हुई है। सर्वेक्षण के मुताबिक, कारोबारी आय आने वाले वर्ष में मामूली दर से बढ़ने की उम्मीद है। महज 21 प्रतिशत कंपनियों को आय के मोर्चे पर सुधार की उम्मीद है।

लिमा ने कहा, उत्पादन की वृद्धि दर नरम पड़ने की संभावना है जिससे मांग में कमी का संकेत मिलता है। इसके परिणाम स्वरूप कंपनियां कारोबारी आय और मुनाफे में मामूली वृद्धि का अनुमान लगा रही हैं।