भारत और पाकिस्तान के बीच गतिरोध खत्म, ‘समग्र द्विपक्षीय वार्ता’ पर दोनो देशों में बनी सहमति
इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान ने अपने संबंधों में आए गतिरोध को खत्म करते हुए बुधवार को ऐलान किया कि उन्होंने ‘समग्र’ वार्ता करने का फैसला किया है जिसमें शांति एवं सुरक्षा तथा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा शामिल होगा।भारत और पाकिस्तान की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है कि हाल ही में बैंकॉक में मुलाकात करने वाले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आतंकवाद से जुड़े मुद्दों का निदान करना जारी रखेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज के साथ मुलाकात के बाद यह साझा बयान जारी किया गया। सुषमा स्वराज यहां अफगानिस्तान पर आयोजित एक बहुपक्षीय सम्मेलन में शिरकत के लिए दो दिवसीय पाकिस्तान दौरे पर पहुंची थीं। साझा बयान के अनुसार ‘समग्र द्विपक्षीय वार्ता’ में परस्पर विश्वास बहाली के कदम, सियाचिन, सर क्रीक, वुलर बराज..तुलबुल नौवहन परियोजना, आर्थिक एवं वाणिज्यिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी लड़ाई, मादक पदाथरें पर अंकुश, मानवीय मुद्दे, जनता के बीच परस्पर आदान-प्रदान तथा धार्मिक पर्यटन के मुद्दे भी शामिल होंगे। दोनों देशों के इस साझा बयान में आतंकवाद की निंदा की गई है और इसका खात्मा करने के लिए सहयोग का संकल्प लिया गया है।
सुषमा और अजीज ने बैंकॉक में आतंकवाद और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर सफल बातचीत का उल्लेख किया तथा यह फैसला किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आतंकवाद से संबंधित सभी मुद्दों का निवारण करना जारी रखेंगे। अजीज के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में सुषमा ने कहा कि अजीज और शरीफ दोनों के साथ उनकी ‘बहुत अच्छी मुलाकात’ हुई। उन्होंने कहा कि हमने नए सिरे से बातचीत आरंभ करने का फैसला किया है जो पहले समग्र वार्ता के तहत चल रही थी और इसे समग्र द्विपक्षीय वार्ता (सीबीडी) करार दिया।
इससे पहले सुषमा ने पाकिस्तान की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए कहा कि दोनों देशों के लिए समय आ गया है कि वे एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने के लिए ‘सूझबूझ और आत्मविश्वास’ दिखाएं क्योंकि दुनिया बदलाव की दिशा में बढ़ रही है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को उसी गति से सहयोग देने का भी प्रस्ताव दिया, जिसपर वह सहज हो।
अफगानिस्तान के मुद्दे पर आयोजित मंत्री स्तरीय सम्मेलन हार्ट ऑफ एशिया में विदेश मंत्री ने कहा, ‘इस अवसर पर मैं पाकिस्तान की ओर भी हमारा हाथ बढ़ाना चाहूंगी। समय आ गया है कि हम एक दूसरे के साथ काम करने के लिए सूझबूझ और आत्मविश्वास का प्रदर्शन करें और क्षेत्रीय व्यापार एवं सहयोग को मजबूत करें। पूरा विश्व इंतजार कर रहा है और बदलाव की जमीन तैयार कर रहा है। हम उन्हें निराश न करें।’ सुषमा ने कहा, ‘‘अपनी ओर से, भारत पाकिस्तान के साथ उस गति से सहयोग करने के लिए तैयार है, जिसपर वह सहज है। लेकिन आज, आइए अच्छे पड़ोसी होने के नाते, प्रभावी ट्रांजिट व्यवस्थाओं के जरिए कम से कम अफगानिस्तान की मदद का संकल्प तो लें।’ उनके साथ विदेश सचिव एस जयशंकर, पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त टीसीए राघवन और अफगानिस्तान में भारत के राजदूत अमर सिन्हा भी थे। सुषमा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में उस देश में आतंकवाद की तीव्रता और क्षेत्र दोनों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि भारत अफगान सरकार के साथ मिलकर उसकी रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए काम करने को तैयार है।




