मुंबई। एक महत्वपूर्ण सफलता के तहत भारतीय वैज्ञानिकों ने अल्जाइमर का कारण बनने वाले एक प्रोटीन की पहचान की है। अमीलॉयड बीटा नामक प्रोटीन संभवतः अल्जाइमर का कारण बनता है।

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफआर) की शोध सह-निदेशक सुदिप्ता मैती के अनुसार, ‘अल्जाइमर के मूल कारण के बारे में सब जानना चाहते हैं, लेकिन हम जानते नहीं कि यह कैसा होता है। हमें जिस चीज की झलक मिली है संभवतः वह यही हो सकता है। शायद यह असली कारण न भी हो, लेकिन अभी हमें इसी को परखना होगा।’

टीआइएफआर, बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और कनाडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी की एक टीम ने संयुक्त रूप से यह खोज की है। यह बीटा अणु एक छोटे से हेयरपिन की तरह दिखते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर इसे समाप्त करने की तैयारी अभी से की जा सकती है।

टीआइएफआर के शोधकर्ता देवंजन भौमिक कहते हैं, ‘बीटा अणु के बारे में पहले से ही शंका व्यक्त की जा रही थी, लेकिन हैरानी इस बात की है कि इसका आकार वैसा नहीं था, जैसा हम सोचते आए थे। इसी कारण यह बीटा अणु कोशिकीय झिल्लियों में जहरीले छेद करते हैं।’

इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी की मदद ली थी। रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक में ऐसे छोटे संकेतों का माप लेने में मदद मिलती है जो अन्य तकनीकों से पहचान में नहीं आते। इस तकनीक का नाम भारतीय वैज्ञानिक सी.वी. रमन के नाम पर रखा गया है।