बिहार के अपने पहले चुनावी दौरे में राहुल गांधी, लालू यादव से दूर-दूर ही नजर आए. औरंगाबाद के चुनावी रैली में मंच सिर्फ राहुल गांधी के लिए सजाया गया था जिसमें लालू यादव के लिए कोई जगह नहीं थी.राज्‍य में दोनो दलों के गठबंधन के बावजूद राहुल ने ना तो लालू के साथ मंच साझा किया ना ही लालू की तस्वीर ही नजर आई. मंच से आरजेडी के बैनर, झंडे तक नदारद थे. साफ है भले ही आरजेडी से कांग्रेस ने गठबंधन कर लिया हो पर राहुल गांधी ने बिहार में लालू यादव से अपनी दूरी जरूर बनाए रखी.

बिहार में जमीन पर कांग्रेस और आरजेडी चट्टानी एकता की बात करती हैं पर राहुल ने लालू की परछाई से भी अपनी दूरी बनाए रखी. यही वजह है कि औरंगाबाद की पहली रैली में राहुल के मंच पर सिवाय राहुल के आरजेडी का कोई चेहरा नजर नहीं आया. राहुल ने अपनी इस चुनावी सभा में एकबार भी लालू के साथ गठबंधन का नाम तक नहीं लिया. ये बात लालू के समर्थकों को अखर रही थी पर कांग्रेस के उम्मीदवार निखिल कुमार ने बड़ी सफाई से कहा कि पार्टी दोनों बड़े नेताओं का इस्तेमाल एक साथ नहीं करना चाहती थी.

औरंगाबाद औऱ सासाराम की वो सीटें हैं जहां लालू यादव का वोटबैंक कांग्रेस के लिए फायदेमंद है और बिना लालू के माई समीकरण की ये सीटें जीतना भी नामुमकिन है. पर कांग्रेस ने गठबंधन के बावजूद राहुल से लालू की दूरी बना रखी है. बिहार कांग्रेस ने भी ये कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी किसी और नेता के साथ मंच शेयर नहीं करेंगे, साफ है दोनों में गठबंधन तो है लेकिन राहुल लालू से दूर-दूर ही रहना चाहते हैं.