बस्तर के दशरू और श्रीनाथ को बिस्मिल्ला खां राष्ट्रीय युवा पुरस्कार
रायपुर। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में यह पुरस्कार त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय और संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष शेखर सेन ने प्रदान किए। संगीत नाटक अकादमी का यह राष्ट्रीय पुरस्कार है, जिसके लिए छत्तीसगढ़ बस्तर के कलाकार श्रीनाथ नाग और नारायणपुर जिले के कलाकार दशरूराम कोर्राम को देश के शीर्षस्थ 8 कलाकारों में चयन किया गया है।
दशरूराम को वर्ष 2013 में लोक नृत्य व संगीत के लिए और श्रीनाथ को वर्ष 2014 में लोक वाद्य निर्माण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। दोनों ही कलाकार बस्तर बैंड से जुड़े हैं और बस्तर बैंड के माध्यम से उनका कला प्रदर्शन का कई अवसर मिला है। इस सम्मान के लिए बस्तर बैंड के निदेशक अनूप रंजन पांडे ने उनको बधाई दी है।
बस्तर के आदिवासी लोकनृत्य ककसार के कलाकार दशरुराम कोर्राम नारायणपुर के मुरिया जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि कलाकार हैं और पारंपरिक जनजातीय नृत्य परम्परा ककसार नृत्य, गेड़ी नृत्य, मांदरी नाच के मुख्य कलाकार हैं। साथ ही पारपंरिक नृत्य नाटिका माओ-पाटा तथा वाद्यों में मांदरी, कोन्डोड़ा, कुडिड़, चरहे, हिरनांग के सिद्धहस्त कलाकार हैं। दशरूराम घोटुल परम्परा के गहरे जानकार हैं।
श्रीनाथ नाग जिला बस्तर के माहरा जनजातीय समुदाय के प्रमुख कलाकार हैं। बस्तर के विभिन्न संस्कार कर्म में माहरा समुदाय द्वारा माहरा बाजा गोती बाजा प्रचलन में है। देव मोहिर, नंगुरान, तुड़बुड़ी जैसे वाद्यों को बजाने में पारंगत श्रीनाथजी देवताओं से जुड़े लय ताल के गहरे जानकार हैं। साथ ही जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त चलने वाले संस्कार कर्म के दौरान वादन के विभिन्न शैलियों में भी दक्ष है और बस्तर जिले में ऐसे अवसरों पर उनको विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है।
दोनों ही कलाकारों ने अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन कामनवेल्थ गेम्स दिल्ली, संगीत नाटक अकादमी दिल्ली, अनन्तयात्रा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय मैसूर, पृथ्वी थियेटर मुम्बई,राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समक्ष राजभवन रायपुर, भारत भवन भोपाल, भारत रंग महोत्सव, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली, राज्योत्सव रायपुर, राजिम कुंभ रायपुर, भोरमदेव महोत्सव, कवर्धा, रतनपुर महोत्सव बिलासपुर, राष्ट्रीय शिल्प मेला इलाहाबाद, वसन्तराव देशपाण्डेय संगीत समारोह नागपुर, भारत लोक पर्व के तहत पूर्वोत्तर भारत असम, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम में अपनी प्रस्तुति दी है।