दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा को मौका देने का बयान देने के बाद हंगामा मच गया है। हंगामा इतना मच गया है कि पार्टी नेताओं ने उन्हे कांग्रेस से निष्काषित करने की मांग की है। पार्टी ने इसे शीला दीक्षित की निजी राय बताई है। वहीं भाजपा ने शीला की बयान की प्रशंसा की है। गौरतलब है कि गुरूवार को दीक्षित ने बयान दिया था कि यदि भाजपा सोचती है कि वह दिल्ली में सरकार बनाने की स्थिति में है तो उसे इसका मौका दिया जाना चाहिए। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय यदि सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं तो वह यकीनन जिम्मेदारी की भावना के साथ ही ऎसा कह रहे होंगे।
कांग्रेस पार्टी ने शीला के बयान से अपने आपको अलग कर लिया है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट करके इस बयान को शीला की निजी राय बताया है। इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व विधायक भीष्म शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। इसके अलावा भाजपा ने जहां शीला के बयान का स्वागत किया है वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। आप नेता आशुतोष ने कहा कि इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है क्योंकि भाजपा और कांग्रेस के बीच आपसी सांठगांठ है।
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि कांग्रेस की यह स्पष्ट राय है कि दिल्ली विधानसभा भंग कर नए चुनाव कराए जाएं। वहीं दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने दीक्षित की राय को परिपक्व और गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि दीक्षित एक वरिष्ठ नेता है और वह संवैधानिक प्रक्रिया के बारे में भली भांति जानती हैं। दीक्षित की उनके इस बयान के लिए प्रशंसा की जानी चाहिए।