पिछले हफ़्ते फ्रांस के कान शहर के मेयर ने समंदर किनारे महिलाओं के ‘बुर्किनीस’ पहनने पर पाबंदी लगाई थी. इसके बाद पूरी दुनिया में महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं.

मेयर डेविड लिस्नार्ड ने आदेश देते हुए कहा था कि ‘बुर्किनीस’ से तनाव पैदा हो सकता है क्योंकि फ्रांस चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट के निशाने पर है.

‘बुर्किनीस’ पश्चिमी देशों में मुस्लिम महिलाओं में बेहद लोकप्रिय है. यह एक तरह का स्विम सूट है जिससे पूरा बदन ढक जाता है.

डेविड ने यह भी कहा था कि “बुर्किनीस इस्लामिक चरमपंथ का प्रतीक है और नैतिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ़ है.”

नॉरफ्लॉक में रहने वाली आयशा जियाउद्दीन ने बीबीसी से कहा, “यह कान की मुस्लिम महिलाओं पर इस्लामोफ़ोबिक हमला है. बुर्किनीस मुझे समंदर किनारे जाने और वहां तैरने की आज़ादी देता है. मुझे यह एहसास नहीं होता है कि मैं अपनी आस्था के साथ कोई समझौता कर रही हूं.”

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वो कहती हैं, “मुझे किसी ने कभी नहीं कहा कि इसे पहनो. यह मेरा चुनाव है. समंदर किनारे सिर ढके गीले कपड़े में खड़ी एक महिला इस्लामी चरमपंथ का शिकार कैसे हो सकती है?”

वो नाइजेला लॉसन का उदाहरण देती हैं कि वो भी इसे पहनती हैं.

पाकिस्तान में पली-बढ़ी और अब अमरीका में रह रहीं सबरीना अकरम ने बीबीसी से कहा, “मेरे पास बुर्किनीस है. मुझे ये पहनना पसंद है.”

उन्होंने कहा, “मैं इस्लाम धर्म का पालन करती हूं और इस बात में यकीन करती हूं कि विकल्प चुनने की आज़ादी होनी चाहिए.”

वो कहती हैं, “मैं वाकई सार्वजनिक तौर पर अपने बदन की नुमाइश पसंद नहीं करती. मैं क्या पहनूं ये मैं तय करुंगी.”

सबरीना कहती हैं, “आधुनिक समाज का हिस्सा होने और आज़ादी के साथ रहने के लिए ज़रूरी है कि उन्हें अपने हिसाब से ज़िंदगी जीने की इजाज़त दी जाए. इस तरह का प्रतिबंध एक तरह से अपनी मर्जी से ज़िंदगी जीने के बुनियादी मानवाधिकार का उल्लंघन है.”

पश्चिमी इंग्लैंड के टेलफोर्ड में रहने वाली केरी अमार आठ साल पहले धर्म बदल कर मुसलमान बन गई थीं.

बीबीसी से उन्होंने कहा, “मेरे पास बुर्किनीस नहीं है लेकिन मैं सिर पर स्कार्फ बांध कर, ट्रैक सूट और लंबा टी-शर्ट पहन कर तैरने जाती हूं.”

लेकिन वो इस बात का समर्थन करती हैं कि औरतें समंदर किनारे क्या पहनें इसका फ़ैसला करने की उन्हें आज़ादी होनी चाहिए.

वो कहती हैं, “मुझे लगता है कि इस तरह पाबंदी हास्यास्पद है.”

ग्लॉस्टर की मरियम ओएल्स ने बीबीसी से कहा कि वे बुर्किनीस पहनती हैं, तभी बच्चों के साथ समंदर किनारे और पूल में खेल पाती हैं.

वे कहती हैं, “शरीर के कुछ हिस्सों को उघाड़ने के लिए कहना अपमानजनक है. ख़ुद को ढंककर रखना कब से अपराध हो गया?”

वो एक सवाल भी पूछती हैं, “जब हम नहीं चाहते तो शरीर दिखाना क्यों इतना ज़रूरी है?”