नई दिल्ली। रेलवे की माली हालत को सुधारने के लिए विभ‍िन्‍न श्रेणियों के किराये में दी जाने वाली छूट को खत्‍म करने के विकल्‍प पर विचार किया जा रहा है। इसमें फर्स्ट एसी में सफर करने वाले वरिष्‍ठ नागरिक भी शामिल हैं, जिन्‍हें टिकट में करीब 50 फीसद तक की छूट मिलती है।
रेल बजट से पहले मंत्रालय में इस प्रस्वाव को लेकर मंथन चल रहा है। हालांकि, राजनीतिक नेतृत्व की ओर से इसे मंजूरी मिलने पर ही इसे लागू किया जा सकेगा। पुराने होते इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए रेलवे के पास पैसों की तंगी है। ऐसे में वह किरायों में दी जा रही छूट को खत्म करके अपनी आय बढ़ाना चाहता है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करने पर भी सरकार का ध्यान है।
रेलवे 53 श्रेणियों के लोगों को टिकटों पर छूट देता है, इनमें दिव्‍यांग, कलाकार, खिलाड़ी, स्वतंत्रता सेनानी एवं उनकी विधवाएं, डॉक्टर, वरिष्ठ नागरिक और पत्रकार भी शामिल हैं। इसके चलते उसे हर साल करीब 1,400 करोड़ रुपए का नुकसान होता है। हालांकि, फर्स्ट एसी के किराये में छूट से कितना नुकसान हो रहा है, इसके बारे में कोई सटीक आंकड़ा नहीं है।
रेलवे के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने कहा कि यदि कोई वरिष्ठ नागरिक प्रथम श्रेणी में यात्रा के खर्च को वहन कर सकता है, तो फिर उन्हें छूट क्यों दी जाए?