नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत अब 11.5 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके जो 10 करोड़ के लक्ष्य से कहीं अधिक है. वहीं दूसरी तरफ एक सप्ताह में 18,096,130 करोड़ खाते खोलने के साथ जन धन योजना ने एक सप्ताह में सर्वाधिक एकाउंट खोलने का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है. वित्त मंत्र अरूण जेटली ने कहा कि 99.74 प्रतिशतपरिवार बैंक सुविधा के दायरे में ला दिया गया है. जनधन खातों में 9,000 करोड़ रूपये से अधिक राशि जमा की गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वित्तीय समावेशी योजना की घोषणा की थी. इसे अगस्त में शुरू किया और 26 जनवरी 2015 तक 7.5 करोड़ गरीब लोगों के बैंक खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया. बाद में लक्ष्य को बढ़ाकर 10 करोड़ खाते कर दिया गया है.  वित्तीय सेवा सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत हासिल उपलब्धि को पहचाना है.

 गिनीज बुक ने कहा है, ‘‘वित्तीय समावेशी अभियान के तहत किसी एक सप्ताह में 23 अगस्त से 29 अगस्त 2014 के बीच सर्वाधिक 18,096,130 करोड़ खाते खोले गये और इसे वित्तीय सेवा विभाग ने प्राप्त किया.’’ अरूण जेटली ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के बैंकिंग नेटवर्क से बाहर रहने से वृद्धि में बाधा उत्पन्न हो रही थी. उन्होंने कहा, ‘‘वित्तीय समावेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है. पीएमजेडीवाई दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशी कार्यक्रम है.’’ उन्होंने कहा कि जो भी खाते खुले, इनमें से 60 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 40 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में हैं. महिला खाताधारकों की हिस्सेदारी करीब 51 प्रतिशत है.

 जेटली ने कहा कि 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को रूपे कार्ड जारी किया गया. उन्हें एक लाख रूपये का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा मिलेगा. साथ ही योग्य लाभार्थियों को 30,000 करोड़ रूपये का जीवन बीमा कवर मिलेगा.  योजना को अर्थव्यवस्था के लिये पाशा पलटने वाला करार देते हुए मंत्री ने कहा कि यह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना (डीबीटी0 के लिये मंच उपलब्ध कराएगा और सब्सिडी के दुरूपयोग पर रोक लगाने में मददगार बनेगा.

 सर्वाजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पीएमजेडीवाई के तहत कुल मिलाकर 9.11 करोड़ खाते खोले. उसके बाद क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का स्थान रहा जिन्होंने 2.01 करोड़ खाते खोले. दूसरी तरफ निजी क्षेत्र के 13 बैंकों ने केवल 37.58 लाख खाते खोले.  अधिया के अनुसार इन सभी खातों का उपयोग मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान तथा एलपीजी सब्सिडी भुगतान में किया जा रहा है. मनरेगा, एलपीजी तथा अन्य लाभ के तहत 33,000 करोड़ रूपये से अधिक राशि सालाना बैंक खातों के जरिये दी जाएगी.